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मनुष्य ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया था

मनुष्य को आज असँख्य धातुओं का ज्ञान है जिन्हें रासायनिक प्रक्रियाओं की सहायता से नए औजारों में परिवर्तित किया जा सकता है इंसान आज अलग-अलग धातुओं को मिश्रित कर नई किस्म की धातुएं बनाने में भी सक्षम हो चुका है परन्तु आज से साढ़े छः हजार साल पहले ऐसा नही था। इंसान हथियार बनाने के लिए पत्थरों का प्रयोग किया करता था तथा यह सिलसिला तब तक जारी रहा जब तक इंसान को उसके द्वारा खोजी गई पहली धातु तांबे का ज्ञान नही हो गया। आज से 4200 ईसा पूर्व इंसान को तांबे का ज्ञान हुआ था तथा यह इंसान द्वारा प्रयोग की जाने वाली प्रथम धातु बनी। इसकी ठोस प्रवृति और आसानी से ना टूटने की क्षमता ने इंसान को इसे हथियार बनाने के लिए प्रयोग करने हेतु प्रेरित किया तथा उसने धीरे-धीरे तांबे के औजार बनाने शुरू कर दिए। इससे पूर्व पत्थरों से बनाए जाने वाले औजारों को घिस कर पैना कर मुश्किलों भरा काम था तथा ये ठोस वस्तु से टकरा कर आसानी से टूट जाया करते थे।

पैना करने के कारण पत्थरों की नोक कमजोर हो जाया करती थी जिस किसी अन्य ठोस जगह पर टकराने के कारण मामूली सी चोट भी इन्हें तोड़ दिया करती थी। तांबे के औजार ज्यादा टिकाऊ होते थे इसलिए इंसान ने इन्हें अपनाना शुरू कर दिया। जब इंसान ने आग की खोज की तो वह तांबे को पिघलाकर नए आकार देने में भी सक्षम हो गया जो कि पत्थरों को घिसने की मुश्किल भरी प्रक्रिया से बहुत आसान था। समय गुजरते हुए जब राजाओं के शासन तक पहुँचा तो तांबे का प्रयोग सिक्के बनाने के लिए किया जाने लगा क्योंकि यह आसानी से मिल भी जाता था और इसे सिक्कों के आकार में ढालना भी आसान था। हालांकि बाद में सिक्के बनाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले तांबे का स्थान सोने व चाँदी ने ले लिया।

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