सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

लोक सभा और राज्य सभा में क्या अंतर है

लोकसभा और राज्यसभा संसद के दो भाग हैं इन दोनों भागों में बहुत से अंतर है और उन सभी मुख्य अंतर को नीचे सूचीबद्ध तरीके से दर्शाया गया है इसलिए पोस्ट को अंत तक पढ़ें और पूर्ण जानकारी ग्रहण करें।

1. लोकसभा: लोकसभा को निम्न सदन प्रथम सदन तथा लोगों का सदन के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें प्रतिनिधियों का चुनाव सीधा जनता द्वारा किया जाता है।
1. राज्यसभा: राज्यसभा को उच्च सदन के नाम से जाना जाता है क्योंकि इसमें जो प्रतिनिधि होते हैं उनका चयन लोकसभा के प्रतिनिधियों द्वारा किया जा रहा है।

2. लोकसभा को टेंपरेरी हाउस यानी कि अस्थाई सदन कहा जाता है क्योंकि यह 5 वर्ष पश्चात भंग हो जाता है या फिर सरकार गिर जाने पर यह समय से पहले या आपातकाल की स्थिति में यह समय के बाद भी भंग हो सकता है।
2. राज्यसभा को परमानेंट हाउस यानी कि स्थाई सदन कहा जाता है क्योंकि यह कभी भंग नहीं होता यह हालांकि इसके एक तिहाई सदस्यों का कार्यकाल प्रत्येक दो वर्ष पश्चात समाप्त हो जाता है तथा उन्हें पुनः निर्वाचित कर लिया जाता है इस तरह सदन कभी भी पूर्णतः खाली नहीं होता।

3. यदि कोई व्यक्ति लोकसभा का सदस्य बनना चाहता है तो उसकी उम्र 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए यह समय सीमा लोक सभा के लिए तय की गई है।
3. यदि कोई व्यक्ति राज्यसभा का सदस्य बनना चाहता है तो उसकी उम्र 30 वर्ष से अधिक होनी चाहिए यह समय सीमा राज्यसभा के लिए तय की गई है।

4. लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है और 5 वर्ष पश्चात इसके सभी सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाता है इसलिए 5 वर्ष के पश्चात पर लोकसभा भंग हो जाती है।
4. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है यहां याद रखने योग्य है कि यह कार्य काल केवल सदस्यों के लिए है जो कि एक तिहाई के क्रम में प्रत्येक 2 वर्ष पश्चात पुनः निर्वाचित होते रहते हैं इसलिए यह सदन कभी भंग नहीं होता इसके प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल छः वर्ष का होता है परंतु सदन का कार्यकाल और असीमित है।

5. लोकसभा के सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रुप से जनता द्वारा किया जाता है जनता इन सदस्यों के लिए सीधा मतदान (वोट) करती है।
5. राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रुप से जनता द्वारा किया जाता है क्योंकि इसमें जनता सीधे सदस्यों का चुनाव नहीं करती बल्कि जनता द्वारा चुने गए लोकसभा के सदस्य आगे राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव करते हैं।

6. लोकसभा के सदस्यों को अंग्रेजी में MLA अर्थात मेंबर ऑफ लेजिस्लेटिव असेंबली कहा जाता है।
6. राज्यसभा के सदस्यों को अंग्रेजी में MP अर्थात मेंबर ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता है।

7. लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है।
7. राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 245 हो सकती है।

8. लोकसभा के सदस्यों की वर्तमान संख्या 545 है जिसमें 2 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं जो कि आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा 543 सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।
8. राज्यसभा में सदस्यों की वर्तमान संख्या 245 है जिसमें से 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं जो कि कला, साहित्य, खेल व सामाजिक कार्यों से जुड़े होते हैं। इसके पश्चात बचे हुए 233 सदस्यों को लोकसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाता है।

9. लोकसभा के 543 सदस्यों में से 530 सदस्य राज्यों से चुने जाते हैं तथा 13 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।
9. राज्यसभा के 233 में से 229 सदस्य राज्यों से चुने जाते हैं तथा चार सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से चुने जाते हैं।

10. लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सदस्यों में से ही किया जाता है तथा उपाध्यक्ष का चुनाव भी सदस्य में से ही किया जाता है।
10. राज्यसभा के सभापति भारत के उपराष्ट्रपति होते हैं तथा उप सभापति का चुनाव राज्यसभा के सदस्यों में से ही किया जाता है।

11. लोकसभा का कोई भी सदस्य रिटायर नहीं हो सकता या तो वह सदस्य पद से इस्तीफा दे या फिर 5 वर्ष पश्चात उसका कार्यकाल समाप्त हो जाए या फिर उसकी कार्यकाल के दौरान मृत्यु होने पर ही उस सदस्य का प्रतिनिधित्व समाप्त होता है
11. राज्यसभा में प्रत्येक 2 वर्ष पश्चात एक तिहाई सदस्य रिटायर हो जाते हैं हालांकि यदि वह चाहे तो वे राज्यसभा की सदस्यता प्राप्त करने हेतु पुनः चुनाव लड़ सकते हैं और वह यह चुनाव कितनी भी बार लड़ सकते हैं और राज्यसभा के सदस्य पद पर पुनः निर्वाचित हो सकते हैं।

12. लोकसभा के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष दोनों का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।
12. राज्यसभा के सभापति अर्थात उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है तथा राज्यसभा के उपसभापति का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है क्योंकि उपसभापति को राज्यसभा के सदस्यों में से ही चुना जाता है इसलिए सदस्यों के 6 वर्ष के कार्यकाल के साथ ही उप सभापति का कार्यकाल भी समाप्त हो जाता है।

13. लोकसभा की सीटों का निर्धारण 1971 की जनगणना के आधार पर किया गया है।
13. राज्यसभा की सीटों का निर्धारण की 1971 की जनगणना के आधार पर ही किया गया है।

14. लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष जी वी मावलंकर थे।
14. राज्यसभा के प्रथम सभापति (उराष्ट्रपति) डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट