इसके बाद 630 ईसवी में है ह्येनसांग भारत आया, यह दूसरा मुख्य चीनी यात्री था, इसे यात्रियों का सम्राट के नाम से भी जाना जाता है, यह जिस समय भारत आया उस समय भारत में हर्षवर्धन का शासन चल रहा था, ह्येनसांग ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'पाश्चात्य संसार' लिखी इसके लेख में उन्होंने हर्ष के कालके समय भारत की जो सामाजिक व धार्मिक स्थिति थी उसके विषय में लिखा है, उस समय के भारत के समाज व धर्म के बारे में अच्छी खासी जानकारी हमें इस पुस्तक से प्राप्त होती है
इसके बाद सातवीं सदी के अंत में इतसिंग नामक चीनी यात्री भारत आया, इतसिंग ने जो लेख लिखे हैं उनमें हमें सातवीं सदी के भारत के विषय में अत्यधिक महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है, तो इस प्रकार यह था चीनी यात्रियों का सही क्रम, मुख्य रूप से इन्हीं तीन चीनी यात्रियों के बारे में बात की जाती है, इनके अलावा भी कुछ अन्य चीनी यात्री भी भारत आए थे लेकिन मुख्य रूप से जो भारत के इतिहास के बारे में हमें जानकारी मिलती है वह इन्हीं तीनों के लेखों से प्राप्त होती है, इनमें से सबसे पहले आया था फाहियान, उसके बाद आया ह्येनसांग और तीसरे नंबर पर आया इतसिंग, और इन तीनों की ही जो लिखित रचनाएं हैं, उनसे हमें अच्छी खासी जानकारी भारत के इतिहास के बारे में प्राप्त होती है
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