यदि आप बुल फाइटिंग में रुचि रखते हैं तो आपने इस बात को जरूर देखा होगा कि जब सामने सांड होता है तो उसको उतेजित करने के लिए उसे लड़ने वाला व्यक्ति लाल रंग का कपड़ा दिखाता है हमारे पास बहुत से प्रश्न आए हैं जिनमें से एक प्रश्न ये है कि सांड लाल कपड़े को देख कर उत्तेजित क्यों हो जाता है इस बात में एक बड़ा ही रोचक तथ्य छिपा हुआ है जो कि वर्षों से चली आ रही एक परम्परा तथा एक भ्रम से जुड़ा हुआ है इसलिए हमने इस प्रश्न का उत्तर देने की सोची है तो आपसे निवेदन है पूरी व स्पष्ट जानकारी पाने के लिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े ताकि आपको तर्क सहित पता चल सके कि आखिर क्यों एक सांड लाल रंग को देखकर इतना उत्तेजित हो जाता है कि जिस व्यक्ति ने वह लाल रंग का कपड़ा पकड़ा हुआ है सांड उसे मारने तक पर आमादा हो जाता है।
जब कभी बुल फाइट का नाम लिया जाता है तो इसका सीधा संबंध स्पेन से जुड़ता है स्पेन में बड़े ही प्राचीन समय से बुल फाइटिंग की जाती रही है जो इंसान फाइटिंग में भाग लेता है वह सांड को उत्तेजित करने के लिए उसकेे सामने लाल रंग का कपड़ा फहराता है लेकिन क्योंकि अन्य पशुओं की तरह सांड भी प्रकृतिक रूप से वर्णांधता अर्थात कलर ब्लाइंडनेस का शिकार होता है इसलिए लाल रंग उसे दिखाई ही नही देता तो उसका लाल रंग देखकर उत्तेजित होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। लेकिन अब प्रश्न यह उठता है कि अगर सांड को लाल रंग दिखाई नहीं देता तो वह इस रंग के कपड़े को देख कर उत्तेजित क्यों हो जाता है और क्यों बुल फाइटिंग में सिर्फ लाल कपड़े का ही प्रयोग किया जाता है। बात दरअसल यह है कि स्पेन में बुल फाइटिंग बहुत ही प्राचीन समय से खेली जाती रही है तथा शुरू से ही इसमें लाल कपड़े को प्रयोग में लाया जाता रहा है इसे इसलिए नही बदला जाता ताकि खेल का जो इम्पैक्ट बना हुआ है वह भांग न हो ठीक वैसे ही जैसे अन्य खेलों में नियम होते हैं उसी तरह लाल रंग का प्रयोग भी बुल फाइटिंग में एक नियम बना दिया गया है। सांड लाल रंग को देख कर नही बल्कि हिलता हुआ कपड़ा देखकर उत्तेजित होता है तथा कपड़े की तरफ मारने के लिए दौड़ता है बार-बार कपड़ा फहराए जाने के कारण वह और अधिक उतेजित होकर आक्रामक हो जाता है। इसलिए यह बात बिल्कुल गलत है कि लाल रंग को देखकर ही सांड उत्तेजित होता है बल्कि आप किसी भी रंग का कपड़ा अगर सांड के सामने लहराएंगे तो वह उसे आक्रामक होने के लिए उकसाएगा और वह आपको मारने के लिए दौड़ेगा सांड के इसी व्यवहार को आधार बनाकर उससे बुलफाइटिंग करवाई जाती है।