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Zafarnama in Hindi Translation and Meaning

आज से लगभग सवा तीन सौ साल पहले वर्ष 1705 में भारत के पंजाब में चमकौर की लड़ाई हुई थी। सिखों और मुगल साम्राज्य के बीच हुई इस लड़ाई में सिखों की अगुवाई सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह कर रहे थे तो वहीं मुगल फौज की अगुवाई सरहिंद का गवर्नर वजीर खान कर रहा था। उस समय मुगल सल्तनत औरंगजेब के अधीन थी जिसने खुद अपने भाई और पिता से विद्रोह करके इस सल्तनत को हासिल किया था। औरंगजेब ने गुरु गोविंद सिंह को चमकौर के गड़ी खाली करने के लिए कुरान की कसम खाकर यह वायदा किया था कि यदि वे शांति से चमकौर की गड़ी को खाली कर देते हैं तो उन्हें कुछ नहीं कहा जाएगा व बा-इज्जत जाने दिया जाएगा।

लेकिन कुरान की कसम पर औरंगजेब के हस्ताक्षर होने के बावजूद भी मुगलिया फौज ने पहाड़ी राजाओं के साथ मिलकर धोखे से सिख सेना पर हमला कर दिया, हालांकि इस बात के पुख्ता सबूत नही हैं कि जो हस्ताक्षर कुरान की कसम पर किए गए थे वे औरंगजेब के वास्तविक हस्ताक्षर थे। इसलिए जफरनामा में एक असमंजस भी दिखाई पड़ता है जिस कारण गुरु गोबिंद सिंह औरंगजेब को कसम तोड़ने वाला कहने के बावजूद उसे आकर मिलने का न्यौता भी देते हैं। उस समय सिख फौज की गिनती केवल 40 थी जिस पर लाखों मुगल सैनिकों ने हमला कर दिया था। इस विश्वासघात के बाद (जिसमें सिखों के दसवें गुरु के चारों पुत्र शहीद हो गए थे) गुरु गोविंद सिंह ने औरंगजेब को धिक्कारते हुए एक पत्र लिखा जिसे जफरनामा के नाम से जाना जाता है जिसका हिंदी अर्थ होता है विजय पत्र। आइए जानते हैं फ़ारसी में लिखे गए इस जफरनामा का हिंदी अनुवाद क्या है।


Zafarnama in Hindi Translation & Meaning (ज़फरनामा का हिंदी अनुवाद और अर्थ)


ईश्वर करामात में पूर्ण, अचल, कृपया करने वाला, खुशियां देने वाला, रोजी देने वाला, मुक्तिदाता और मेहर करने वाला है।

वह ईमान और सुख देने वाला है, वह माफ करने वाला है, वह हाथ पकड़ने (बुरे समय में सहायता करने) वाला, भूल माफ करने वाला, रिजक देने वाला, मन को पसंद आने वाला है।

ईश्वर बादशाहों का बादशाह है, खूबी (गुण) देने वाला है, पथ प्रदर्शन करने वाला, रंग रहित, निशान रहित और अद्वितीय है।

ईश्वर के पास ना कोई साज-सज्जा है, ना बाज़ है और ना ही फौज और गलीचे, लेकिन ईश्वर सुख सुविधाएं और स्वर्ग प्रदान कर सकता है।

ईश्वर सांसारिक प्रपंच से पवित्र, बलशाली, साखियात, बड़ाई देने वाला और हर एक स्थान पर मौजूद है।

ईश्वर दात देने वाला, पवित्र, पालन करने वाला है, रहम करने वाला और हर एक को रोजी देने वाला है।

ईश्वर सबका स्वामी, बड़ों से भी बड़ा, सुंदरता के गुण वाला, रिजक देने वाला और दयालु है।

वो श्रेष्ठ अक्ल वाला, गरीबों की देखभाल करने वाला, निर्धनों का पालन करने वाला और दुश्मनों को नष्ट करने वाला है।

वह धर्म का पालन करने वाला, बड़ाइयों का ठिकाना, वास्तविकता को समझने वाला, नबीयों को किताब प्रदान करने वाला है।

वह दानी की पहचान करने वाला, अक्ल का स्वामी, सत्यता को पहचानने वाला और हर स्थान पर प्रकाशित होने वाला है।

ईश्वर संसार की सभी विद्याओं को जानने वाला, हर काम की उलझन को खोलने वाला और संसार को विशेष तरतीब देने वाला है।

सारे संसार के कामों को चलाने वाला बहुत महान, विद्याओं को समझने वाला और संसार का नायक है।


(हे औरंगजेब) मुझे तेरी इस कसम पर यकीन नहीं है खुदा एक है और हमारे दोनों के बीच गवाह है।

उस कसम पर मेरा ज़रा जितना भी एतबार नहीं है, तेरे बख़्शी और दीवान (मुसाहिब) सब झूठ बोलने वाले हैं।

जो इंसान तेरी कुरान की कसम पर विश्वास करता है, वह आखिरी समय में ख्वार होता है।

अगर कोई व्यक्ति हुमा पक्षी की छांव के नीचे आ जाए, उस पर कौआ हाथ नहीं रख सकता, चाहे वह कितना भी दिलेर क्यों न हो।

अगर कोई व्यक्ति शेर की पीठ के पीछे खड़ा है, तो बकरी, भेड़ और हिरण उसे पकड़ नहीं सकते, यहां तक कि उसके पास से भी गुजर नहीं सकते।

अगर मैं कुरान की कसम के छुपे हुए फरेब का धोखा नहीं खाता, तो मैं अपनी प्यारी फौज को और उस जगह को नहीं छोड़ता।

मेरे 40 भूखे-प्यासे व्यक्ति क्या कर सकते थे, जब उन पर अचानक दस लाख सैनिक टूट पड़े हों।

तेरे वचनों को तोड़ने वाले सिपाही अचानक से तलवार, तीर और बंदूक सहित आ गए।

तब बेबस होकर मैं युद्ध भूमि में आ गया और तीर और बंदूकों को विधि अनुसार धारण करके आया।

जब किसी काम के लिए सारे हल खत्म हो, जाए तो तलवार को हाथ में धारण करना जायज है।

मैं तेरी कुरान का क्या विश्वास करूं, वरना तू ही बता मेरा इस रास्ते पर चलने का क्या काम था।

मैं नहीं जानता था कि ये मर्द लोमड़ी की तरह मक्कार हैं, नहीं तो मैं हरगिज किसी बहाने से भी इस रास्ते पर ना आता।

हर वह व्यक्ति जो कुरान की कसम के अधीन आया हो, ना तो उसे कैद करना चाहिए ना ही उसे मारना चाहिए।

इसके विपरीत काले वस्त्रों वाले तेरे सैनिक मक्खियों की तरह आ पड़े, हल्ला करते हुए एक ही बार में आ गए।

तेरा वह आदमी जो दीवार की ओट से बाहर निकला, मेरा एक ही तीर खाकर लहू में गर्क हो गया।

जो आदमी दीवार की ओट से बाहर नहीं आया, उसने ना तीर खाया ना ही वह ख्वार हुआ।

जब मैंने देखा कि नाहर खान युद्ध करने के लिए आया है, तो मैंने उसे भी एक तीर का स्वाद चखा दिया।

आखिर में रणभूमि से वे पठान भी भाग गए, जो बाहर बैठे बहुत शेखी मार रहे थे।

फिर एक और पठान युद्ध करने के लिए आया, जैसे हड़ आता है या तीर और बंदूक की गोली आती है।

उसने बहुत सारे हमले मर्दानगी के साथ किए, कुछ होशियारी भरे थे तो कुछ दीवानों की तरह थे।

उसने बहुत हमले किए और बहुत सारे जख्म भी खाए, हमारे दो आदमी मार और अपनी जान भी सुपुर्द कर गया।

वो ख्वाजा (ज़फर बेग) कायरों की तरह दीवार की ओट में ही रहा, मैदान में नहीं आया और ना ही मर्दानगी के साथ हमला किया।

खेद है, अगर मैं उस कायर का मुंह देख लेता, तो मजबूर होकर एक तीर उसको भी बख़्श देता।

अंत में तीरों और बंदूकों के बहुत सारे जख्म खाकर, दोनों तरफ के बहुत सारे सैनिक थोड़े ही समय में मारे गए।

तीरों और बंदूकों की गोलियां की बहुत वर्षा हुई, जिसके कारण धरती लाल पौस्त के फूल की तरह हो गई।

मैदान-ए-जंग में सिरों और पैरों के अंबार लग गए, जैसे मैदान गेंद-खुड़ियों से भर गए हों।

जब तीरों की सरसराहट हुई और कमानों ने टुनकार की, तो सारा जहान हा-हू से भर गया।

फिर तीरों के मारक हल्ले ने, बहादुर सुरमों के होश उड़ा दिए।

आखिर जंग में मर्दानगी भी क्या कर सकती है, अगर 40 आदमियों के ऊपर बेशुमार फौज टूट पड़ी हो।

जब संसार का दीपक पर्दे में आ गया (यानी सूरज डूब गया) तब रात का स्वामी (चंद्रमा) बहुत प्रकाश के साथ निकल आया।


हर वो आदमी जो कुरान की कसम खाता है, परमात्मा उसका पथ प्रदर्शन करता है।

उसका बाल-बांका नही होता, ना ही शरीर दुख पाता है, परमात्मा दुश्मन को मार कर उसको खुद ही बाहर निकाल लाता है।

मुझे नहीं पता था कि यह आदमी (औरंगजेब) इकरार को तोड़ने वाला, दौलत का पुजारी और ईमान को दूर फेंकने वाला है।

यह ना धर्म का पालन करता है, ना धर्म के विधान को मानता है, ना प्रभु की कोई पहचान है, ना ही मोहम्मद पर यकीन है।

हर वो व्यक्ति जो ईमान का पालन करता है, वह अपने इकरार से कभी पीछे नहीं हटता।

इस मर्द (औरंगजेब) का ज़रा जितना भी विश्वास नहीं है, जो कुरान की कसम खाता है और परमात्मा को एक मानता है।

अगर वह अब कुरान की सौ कसमें भी खा ले, तो भी मैं उस पर रत्ती जितना भी विश्वास नहीं कर सकता।

अगर तेरा (कुरान पर) यकीन होता, तो कमर बांध कर सामने आ जाता।

तेरे सिर पर कसम को पूरा करने का फर्ज बनता है, क्योंकि मैं तुझे तेरे खुदा की कसम देता हूँ।

अगर हजरत मेरे सामने खड़े होते हैं, तो दिल ओ जान से सारे काम का पता लग जाता।

अब तेरा फर्ज बनता है कि तू काम को पूरा कर, और अपने लिखे अनुसार विचार कर।

मेरे पास तेरा लिखा हुआ खत पहुंचा और जुबानी भी कहा गया कि यह काम आराम से हो जाएगा।

इंसान वो होना चाहिए जो वादे का पक्का हो, ऐसा ना हो कि पेट में कुछ और और मुँह पर कुछ और।

काज़ी ने मुझे कहा है ना उससे बाहर नहीं हूं, लेकिन अगर तू अभी भी उस रास्ते पर हो।

अगर तुझे कुरान वाला कसमनामा चाहिए, तो मैं वह भी तेरे पास भेज सकता हूँ।

अगर तू कांगड़ कस्बे में आ जाए, तो उसके बाद आपस में मुलाकात हो जाएगी।

तूझे इस रास्ते पर आने में कोई खतरा नहीं, क्योंकि सारी बराड़ कौम मेरे हुक्म में है।

यहां पर आओ तो खुद जबानी बात-चीत हो जाए, मेहरबानियां का आदान-प्रदान होगा।

एक हजारी का खिताब देकर यह इलाका दिया जाएगा।

मैं बादशाहो के बादशाह का सेवक और चाकर हूँ, अगर उसका हुक्म आ जाए तो जान सहित हाजिर हूँ।

अगर उस परमात्मा का मुझे फरमान आ गया, तो मैं तेरे पास जान और शरीर सहित आ जाऊंगा।

अगर तू परमात्मा की पूजा करने वाला है, तो मेरे काम को करने में सुस्ती मत करना।

तुझे चाहिए कि परमात्मा को पहचान, और किसी के कहे पर किसी को दुखी मत कर।

तू कायनात का सरदार है और गदीनशीं बादशाह है, तेरा इंसाफ अजीब है और तेरी सिफ़त भी अजीब है।

तेरा न्याय अजीब है और तेरा धर्म-पालन भी असचरज है, सचमुच तेरी सरदारी पर अफसोस है, सौ बार अफसोस है।

तेरी शराह का आधार बहुत अजीब है, सच्चाई के बिना और बोल कहना नुकसानदेह है।

तू निर्दयी होकर किसी का खून करने के लिए तलवार मत चला, क्योंकि तेरा भी एक दिन परमात्मा की तलवार से खून बहेगा।

हे बंदे, तू ग़ाफ़िल ना हो, परमात्मा को पहचान, वह बहुत बेनियाज़ (बेपरवाह) है और उसे किसी की खुशामद की जरूरत नहीं है।

वह बहुत निडर है और बादशाहो का बादशाह है, वह धरती और आकाश का सच्चा पातशाह है।

वह ईश्वर... धरती और आकाश का स्वामी है, वह हर व्यक्ति और हर स्थान को बनाने वाला है।

वो चींटी से लेकर हाथी का पालन करता है, नितानियों का तान है और उससे बेखबर को नष्ट करने वाला है।

वह फरियादियों को नवाजने वाला है, वह किसी तरह की खुशामद और भेंट की आवश्यकता नहीं रखने वाला और बेपरवाह है।

उसका कोई रंग नहीं है ना ही कोई चिह्न है, वो ही राह बताने वाला है और रास्ते पर लेकर चलने वाला भी वो ही है।

तेरे सिर के ऊपर कुरान की कसम का फर्ज लागू है, इसलिए अपने किए हुए वचनों को पूरा कर।

तू अपनी बुद्धि के साथ काम कर और अपने कामों को पूरी दृढ़ता के साथ पूरा कर।

क्या हुआ औरंगजेब अगर तूने मेरे चार बेटे मार दिए, लेकिन अभी भी कुंडलियों वाला नाग मेरा खालसा जीवित है।

इसमें क्या मर्दानगी है कि तू चिंगारियां को बुझा रहा है, लेकिन इस तरह से तू भड़कती हुई आग को और भड़का रहा है।

फिरदौसी शायर ने कितनी अच्छी बोली ने कहा है कि जल्दबाजी में किया हुआ काम शैतान का काम है।


जफरनामा वर्ष 1705 में लिखा गया था और इसके कुछ ही वक्त बाद वर्ष 1707 में औरंगजेब की मृत्यु हो गई थी। लेकिन माना जाता है कि औरंगजेब जफरनामा को पढ़कर काफी व्यथित हुआ था और उसने सिखों को परेशान न करने का आदेश भी दिया था। लेकिन उसकी मुलाकात कभी भी गुरु गोविंद सिंह से नहीं हो पाई। औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसके बेटों में उत्तराधिकार की लड़ाई शुरू हो गई। जिसके बाद पहले आजम खान और बाद में बहादुर शाह प्रथम मुगल शासक बना और इसी के बीच तथाकथित वजीर खान द्वारा भेजे गए दो अफगानों जमशेद खान और वसील बेग ने धोखे से गुरु पर दो खंजर वार किया जिससे घायल होकर कुछ दिन बाद 7 अक्टूबर 1708 को गुरु गोविंद सिंह ज्योति ज्योत समाए।

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