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ओजोन की मोटाई को किसमें मापा जाता है?

ओजोन परत से जुड़े हुए अनेक प्रश्न परीक्षाओं में पूछे जाते रहे हैं और इन्ही में से एक प्रश्न है -  ओजोन परत की मोटाई को किसमें मापा जाता है यानी इसे मापने की इकाई क्या है? तो इस प्रश्न को का उत्तर इस वीडियो में हम जानेंगे साथ ही ओजोन परत से जुड़े हुए अन्य तत्व कभी विचार करेंगे जिनसे जुड़े प्रश्न आगे की परीक्षा में पूछे जा सकते है। द रअसल ओजोन एक ऐसी परत है जो हमारे सौरमंडल के स्मताप मंडल नामक एक परत में पाई जाती है ओजोन परत की ऊंचाई की बात करें तो यह 16 किलोमीटर से लगभग 25 किलोमीटर के मध्य मौजूद है और इसकी मोटाई को मापने के लिए एक इकाई का प्रयोग किया जाता है जिसे स' डोब्सन इकाई' के नाम से जाना जाता है। ओजोन परत का मुख्य कार्य यह है कि यह सूर्य से आने वाली अल्ट्रावायलेट विकिरणों को धरती पर आने से रुकती है जो कि त्वचा के कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण है। इस प्रकार ओजोन हमारे स्वास्थ्य की रक्षा करने के लिए बनी है इसलिए इसे बचाने हेतु अनेक कार्य समय-समय किए जाते रहते हैं। जब हम पृथ्वी के दक्षिणी ध्रुव पर देखते हैं तो वहां पर ओजोन बहुत कम या बिल्कुल ही समाप्त अवस्था में मिलती है

खिलजी वंश का संस्थापक कौन था?

भारत के इतिहास में अनेकों साम्राज्य बने और तबाह हुए हैं और इन पर अलग-अलग समय में अलग-अलग वंशों ने शासन किया है। इनमें से ही एक वंश था खिलजी वंश। खिलजी वंश ने दिल्ली सल्तनत पर 1290 से 1320 ई के बीच शासन किया तथा किडोखरी नामक एक शहर को अपना अपनी राजधानी बनाया था। खिलजी वंश का शासन गुलाम वंश के बाद स्थापित हुआ। 13 जून 1290 को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने गुलाम वंश के शासन को समाप्त करके खिलजी वंश की स्थापना की थी व इसका संस्थापक बना। हालांकि जलालुद्दीन को लगभग 6 वर्षों बाद उसके भतीजे (जो कि उसका दामाद भी था) अलाउद्दीन खिलजी ने उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी 1296 में दिल्ली सल्तनत की गद्दी पर बैठा। खिलजी वंश से ही एक ओर महत्वपूर्ण व्यक्ति जुड़ा है जिसे अमीर खुसरो के नाम से जाना जाता है जिसका असली नाम मोहम्मद हसन था। अमीर खुसरो को अपने प्रसिद्ध नाम तोता ए हिंद के नाम से जाना जाता है और इससे जुड़े प्रश्न परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं। अमीर खुसरो का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं के पास 1253 में हुआ था और वह संत शेख निजामुद्दीन औलिया का शिष्य था। अमीर खुसरो की विशेष बात यह है कि उस

Five Eyes गठबंधन क्या है इसके सदस्य देश कौन कौन से हैं?

भारत और कनाडा के विवाद के चलते एक शब्द चर्चा में आया है जो है फाइव आइज, इससे जुड़े प्रश्न परीक्षा में पूछे जा सकता है जैसे की - फाइव आइज क्या है, यह कैसे बनी और कैसे काम करती है, कौन-कौन से देश इसके सदस्य हैं और किस प्रकार से यह है विश्व युद्ध से जुड़ी हुई है तो इस लेख में हम इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे। फाइव आइस एलाइंस पांच देशों का एक संगठन है जिनमें शामिल है कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, न्यूजीलैंड, यूके और ऑस्ट्रेलिया। यह एक खुफिया गठबंधन है इसके अंतर्गत ये सभी पांचों देश चाहे इनमें जो भी घरेलू कानून हो उसके बावजूद, खुफिया जानकारियां साझा करते हैं ताकि एक दूसरे देश की मदद हो सके। चाहे वह जानकारी किसी व्यक्ति के बारे में हो या किसी नेटवर्क यानी सिग्नल के बारे में हो या सुरक्षा के बारे में हो या फिर भौगोलिक के रूप से किसी देश को कोई समस्या होने वाली हो या फिर अपने बचाव को लेकर ही, ये सभी देश इन सबसे जुड़ी खुफिया जानकारियां आपस में साझा करते हैं और यही गठबंधन संयुक्त रूप से फाइव आइज गठबंधन कहलाता है। इस गठबंधन की नींव 1941 से डलनी शुरू हुई थी जब अमेरिका और यूके के बीच अट

समुद्रगुप्त कौन था?

भारत में अलग-अलग समय में अनेक राजा हुए हैं और उन्ही में से एक राजा थे समुद्रगुप्त। समुद्रगुप्त का शासन वर्ष 335 से 375 ई तक चला और वह गुप्त वंश के चौथे राजा थे यानी कि वह चंद्रगुप्त प्रथम के उत्तराधिकारी थे। समुद्रगुप्त ने जब शासन किया तो उस समय उनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी और इन्हें एक अन्य नाम अशोकादित्य के नाम से भी जाना जाता है इस प्रकार से समुद्रगुप्त एक महत्वपूर्ण राजा हुए हैं भारत के इतिहास में, जो गुप्त साम्राज्य से संबंधित थे इसी कारण समुद्रगुप्त के नाम के पीछे गुप्त शब्द लगता है। समुद्रगुप्त के बारे में विशेष बात यह है कि उन्हें वैश्विक इतिहास में कुछ सफल सम्राटों में से एक माना जाता है और वह गुप्त राजवंश के सफल शासक बने। उनका शासन काल भारत के लिए एक स्वर्ण युग की तरह था और वह अपनी उदारता व युद्ध कला के लिए जाने जाते थे उनकी महानता का अंदाज से इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें कई बार महान सम्राट अशोक के समान रखा जाता है। समुद्रगुप्त को कभी भी अपने जीवन काल में पराजय का मुंह नहीं देखना पड़ा यही कारण था कि उन्हें भारत का नेपोलियन तक कहा गया। कई बार परीक्षाओं में प्रश्न पूछा ज

अधीनस्थ न्यायालय किसे कहते हैं?

न्याय व्यवस्था के अंतर्गत, भारत में एक उच्च न्यायालय होता है जो कि लगभग मोटे तौर पर सभी राज्यों के लिए एक अलग से बनाया गया होता है भारत में इनकी संख्या 24 है। उच्च न्यायालय के अंतर्गत एक क्रमबद्धता बनाई गई है जिसके अनुसार उच्च न्यायालय के अंतर्गत अलग-अलग न्यायालय आते हैं और यही न्यायालय अधीनस्थ न्यायालय कहलाते हैं।अब क्योंकि ये न्यायालय राज्य सरकार के कानूनों द्वारा बनाए गए हैं इसलिए अलग-अलग राज्यों में हमें इनके नाम व पद भिन्न दिखाई पड़ते हैं। बावजूद इसके, अधीनस्थ न्यायालयों के मूल ढांचे में एकरूपता दिखाई देती है भारत के प्रत्येक राज्य में कुछ जिले होते हैं और प्रत्येक जिले में एक न्यायालय होता है जिसे जिला न्यायालय कहा जाता है जो की अधीनस्थ न्यायालय का उदाहरण है इन जिला न्यायालय के आगे भी न्यायालय होते हैं जैसे अतिरिक्त जिला न्यायालय, मुंसिफ मजिस्ट्रेट न्यायालय, विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट इत्यादि। अधीनस्थ न्यायालय के पदानुक्रम के अंत में जो न्यायालय होता है उसे पंचायत न्यायालय के नाम से जाना जाता है यानी कि ग्राम स्तर पर पंचायत लगती है जिसमें समस्याएं सुनी जाती है इन्हें अक्सर न्याय पं

भारत और कनाडा विवाद क्या है?

हाल ही में भारत और कनाडा के बीच में एक विवाद शुरू हो गया है जिसके चलते दोनो देशों के संबंध सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गए। आज इस लेख में हम समझेंगे कि यह पूरा विवाद क्या है, कहां से शुरू हुआ, इसकी पृष्ठभूमि क्या है और वह सभी तक तथ्य जो शिक्षा की दृष्टि से हमारे लिए जानना महत्वपूर्ण है। पृष्ठभूमि   दरअसल खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर (जो कि भारत मूल का एक कनाडाई नागरिक था) की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच में विवाद हो गया है। जून 2023 में निज्जर की हत्या कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी जिसके बाद वहां पर लगातार इसकी जांच की जा रही थी तथा हत्या के कारणों को लेकर ही अब यह विवाद उपजा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने भारत पर आरोप लगाए की निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों का हाथ था। इस आरोप के चलते दोनों देशों के बीच संबंध निम्नतम स्तर पर पहुंच गए तथा भारत ने कैनेडा के नागरिकों के लिए वीजा की सुविधा को बंद कर दिया। साथ ही दोनों ने अपने-अपने यहां से राजनायकों को वापस अपने देश जाने के लिए आदेश भी दे दिए है। पूरा विवाद क्या है कैसे शुरू हुआ? इसी विवाद की सुगबुगा

सांप्रदायिकता क्या है | अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, कारण, तत्व, दृष्टिकोण, प्रभाव, निवारण | Communalism in Hindi

जीके इन हिंदी के इस नए लेख में आपका स्वागत है आज इस लेख में हमारा विषय रहेगा सांप्रदायिकता। हम समझेंगे सांप्रदायिकता क्या है यह किस प्रकार से किसी भी क्षेत्र को अपनी चपेट में लेती है इसकी उत्पत्ति कैसे होती है और समझने का प्रयास करेंगे कि राज्य यानी सरकार किस प्रकार से सांप्रदायिकता को नियंत्रित करने का प्रयास करती है व किस प्रकार से इसमें सफल होती है तो चलिए शुरू करते हैं इसकी परिभाषा से। संप्रदाय क्या है? धर्म या अन्य विचारधाराओं के आधार पर बने वे समूह जो हितों के टकराव के चलते एक-दूसरे से विपरीत विचार का समर्थन करते हैं संप्रदाय कहलाते हैं। दरअसल,  जब कोई व्यक्ति या समूह कहीं पर रहता है तो वह अपनी एक पहचान बनाता है और किसी भी ऐसे समाज में जहां अनेक तरह के लोग रह रहे हो वहां पर प्रत्येक व्यक्ति विविधता के साथ अपनी एक अलग पहचान बनाए यह अपरिहार्य है। इस पहचान के बनने के पीछे बहुत से कारक उत्तरदायी हो सकते हैं जैसे कि हो सकता है उस व्यक्ति की संस्कृति अलग हो, भाषा अलग हो, धर्म, रीति रिवाज या उसका इतिहास अलग रहा हो। उसका क्षेत्र या अर्थव्यवस्था अलग हो, यानी कि पैसा एक लंबे समय तक एक विशे

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