भारत या किसी भी अन्य देश
की राजनैतिक व्यवस्था कुछ हद तक जटिल होती है जिसका कारण है समय समय पर नियमों में
संशोधन होना। एक आम व्यक्ति के लिए कभी कभी इसे समझ पाना मुश्किल हो जाता है। जैसे
किस पद की क्या सीमाएं हैं व किस पद पर आसीन होने के बाद व्यक्ति के पास कौन सी शक्तियां
आती हैं तथा उन शक्तियों को प्रयोग करने की क्या सीमाएँ/ परिस्थितियाँ होती हैं। भारत
के प्रधानमंत्री के बारे में सम्पूर्ण जानकारी नीचे दी गई है जो आपको प्रधानमंत्री
के बारे में जानकारी के साथ साथ उनकी शक्तियों व सीमाओं के बारे में अवगत करवाने
में बहुत हद तक मदद करेगी फिर भी यदि आपके मस्तिष्क में कोई अन्य प्रशन उठे तो
हमें टिप्पणी के मध्यम से सूचित करें।
प्रधानमंत्री बनने के लिए उम्र
सीमा क्या निर्धारित है ?
प्रधानमंत्री बनने के लिए
उम्र सीमा का निर्धारण व्यक्ति की सदयस्ता के आधार पर होता है यदि वह लोक सभा का
सदस्य है तब व्यक्ति की उम्र 25 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। परन्तु यदि व्यक्ति राज्य
सभा का सदस्य है तब व्यक्ति की उम्र 30 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। तत्पश्चात ही वह व्यक्ति
प्रधानमंत्री बनने हेतु तय की गई उम्र सीमा के दायरे में आएगा।
यदि व्यक्ति उपरोक्त में से
किसी भी सदन का सदस्य नहीं है तब क्या वह प्रधानमंत्री पद ग्रहण कर सकता है ?
हाँ... यद्दपि बिना सदस्यता
वाले व्यक्ति के लिए प्रधानमंत्री पद का समयकाल मात्र 6 माह का होगा तथा यह विशेष
अनुमति से ही संभव है। परन्तु यदि व्यक्ति शपथ वाली दिनांक से 6 माह के अन्दर किसी
भी एक सदन की सदस्यता ग्रहण करने में सफल नहीं होता तो उसे प्रधानमंत्री पद का
त्याग करना पड़ता है।
प्रधानमंत्री बनने के लिए शैक्षणिक
योग्यता क्या होनी चाहिए ?
शैक्षणिक योग्यता से पूर्व
व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करना अति आवश्यक है। भारत की नागरिकता ग्रहण
किए हुए व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता प्रधानमंत्री पद के लिए मान्य है। शैक्षणिक
योग्यता के बारे में कोई अंकित जानकारी नही है यद्दपि भविष्य में संशोधन संभव है।
आगे की जानकारी जल्द अपडेट
होगी...