भारत की आर्मी या कह लीजिए
सैन्य बल के विषय में बहुत से प्रश्न हमसे पूछे जाते हैं इसी कड़ी में आज हम
जानकारी दे रहे हैं पैरामिलिट्री फोर्स अर्थात अर्धसैनिक बल के बारे में। भारत का
सैन्य बल बहुत से विभागों में बंटा है प्रत्येक विभाग के अलग अलग उद्देश्य होते
हैं। क्योंकि ये आवश्यक नहीं है कि भारत को सिर्फ बाहरी देशों से खतरा है कई दफा
आंतरिक कलह भी देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचा सकती है या बहुत बार ऐसा
होता है कि किसी स्थान विशेष पर सैन्य बल की आवश्यकता पड़ जाती है इन सब आवश्यकताओं
को देखते हुए भारतीय सरकार जवानों को अलग अलग उद्देश्य हेतु भर्ती करती है। इन्ही
में से एक है पैरामिलिट्री फोर्स अर्थात अर्धसैनिक बल।
अर्धसैनिक बल कई मायनों में
भारतीय आर्मी से अलग होता है इसके नाम से ही अंदाज़ा लगाया जा सकता है: अर्ध अर्थात
आधा... अर्थात जवानों की वह टुकड़ी जो पूर्णत: सैनिक का कार्य ना निभाकर आंशिक रूप
से सैन्य बल का काम करती है। अर्धसैन्य बल सैनिक सेवा के साथ साथ पुलिस सेवा भी
करता है। यह बल गृह मंत्रालय के आदशों का पालन करता है। अर्धसैन्य बल के जवानों को
किसी भी उद्देश्य से देश के किसी भी हिस्से में तैनात किया जा सकता है। उदाहरण के
तौर पर देश में चुनाव कभी कभी ही होते हैं जैसे कि पाँच साल बाद ही किसी क्षेत्र
विशेष में चुनाव होते हैं तथा चुनावों में तनावपूर्ण स्थिति बनने के आसार बने रहते
हैं। ऐसी किसी भी स्थिति से बचने के लिए सरकार अर्धसैन्य बल का प्रयोग करती है।
चुनाव में सेवा के लिए SSB अर्थात साशस्त्र सीमा बल के जवानों को तैनात किया जाता
है जिनकी तैनाती गृह मंत्रालय के आदेश पर की जाती है जो कि कुछ समय के लिए होती
है। चुनाव पूर्ण होते ही इन जवानों की तैनाती हटा ली जाती है इस प्रकार से सरकार
इन सैन्य शक्तियों का समय समय पर प्रयोग करती है।
भारत सरकार के पास इस समय
सात पैरामिलिट्री फोर्स हैं आइए जानते हैं इनके बारे में:
केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा
बल (CISF)
केन्द्रीय आरक्षित सुरक्षा
बल (CISF)
इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षक (NSG)
सशस्त्र सीमा बल (SSB)