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हरियाणा राज्य कब बना

ब्रिटिश राज में पंजाब प्रांत का हिस्सा रहा हरियाणा 1 नवंबर 1966 को अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। हरियाणवी, हिन्दी तथा अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का गढ़ हरियाणा जो कि भाषा के आधार पर पंजाब से अलग हुआ था एक कृषि प्रधान राज्य है जो केंद्र को गेहूँ तथा चावल की पूर्ति में एक बड़ा सहयोग देता है। भारत के उत्तर में स्थित हरियाणा राजधानी दिल्ली को तीन ओर से घेरे हुए है तथा राजधानी के साथ सबसे ज्यादा सीमाएं बनाता है। यही कारण है कि दिल्ली में हुए विकास का निरंतर प्रभाव हरियाणा पर भी पड़ता रहा है।

हरियाणा को पंजाब से अलग करने का उद्देश्य हिन्दी तथा पंजाबी भाषी राज्यों को अलग अलग पहचान देना था जिसके चलते पंजाब से अलग होकर एक साथ दो राज्य अस्तित्व में आए; एक हरियाणा तथा दूसरा हिमाचल प्रदेश (परन्तु हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा 1971 में मिला)

हरियाणा को बनाने की सिफारिश हुक्म सिंह कमेटी द्वारा की गई थी। 23 सितंबर 1965 को बनी इस कमेटी की सिफारिश से भारत सरकार ने हरियाणा राज्य बनाने की मांग को स्वीकारा तथा पंजाब-हरियाणा सीमा निर्धारित करने के लिए जस्टिस जे.सी. शाह की अगुवाई में शाह कमीशन बिठाया।

इस विषय में शाह कमीशन ने प्राथमिक रूप से सीमा निर्धारित कर दिनांक 31 मई 1966 को रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए लगभग 5 महीने बाद भारत सरकार ने हरियाणा राज्य बनने की घोषणा कर दी। इन 5 महीनों में कुछ अन्य जिलों को भी हरियाणा में जोड़ा गया था तथा अंततः 1 नवंबर 1966 को हरियाणा अस्तित्व में आया।

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