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तेलंगाना राज्य कब बना

तेलंगाना राज्य आंध्र प्रदेश से अलग होकर 2 जून 2014 को अस्तित्व में आया था। भारत के 29 वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आए तेलंगाना को के. चन्द्रशेखर राव के रूप में अपना पहला मुख्यमंत्री मिला। के. चन्द्रशेखर राव ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने तेलंगाना राज्य बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाने वाली पार्टी टी.आर.एस. (तेलंगाना राष्ट्रीय समिति) का गठन किया था। यह पार्टी 27 अप्रैल 2001 में गठित हुई तथा 13 वर्षों के संघर्ष के पश्चात तेलंगाना के लिए लड़ रही टी.आर.एस. को 2014 में सफलता मिली।

तेलंगाना की मांग का इतिहास आज़ादी के समय से शुरू होता है जब हैदराबाद स्टेट (जो आज तेलंगाना के हिस्से में है) तथा आंध्र स्टेट को मिलाकर आंध्र प्रदेश नामक राज्य का गठन किया गया। 1 नवंबर 1956 को बने आंध्र प्रदेश राज्य में शुरू से ही अलग तेलंगाना बनाने की मांग उठती रही है तथा 1969 में यह मांग अपने चरम पर थी।

1969 में जब तेलंगाना का मसला राजनीति पर प्रभाव डालने लगा था उस समय जय तेलंगाना आंदोलन का जन्म हुआ फलस्वरूप एम.चन्ना रेड्डी ने "तेलंगाना प्रजा राज्य" के नाम से पार्टी बनाई लेकिन राजनीतिक उथल पुथल के चलते इसका कांग्रेस में विलय हो गया तथा भाषा के आधार पर बने आंध्र प्रदेश राज्य को ज्यों का त्यों रहने दिया गया। परन्तु इस नए राज्य को बनाने की मांग के चलते 2001 में टी.आर.एस पार्टी अस्तित्व में आई तथा तेलंगाना बनाने में अपने अहम योगदान के बलबूते सफल भी रही।

तेलंगाना को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर किस विश्वविद्यालय के छात्रों ने संघर्ष किया जिस कारण 365 छात्रों को अपनी जान गवानी पड़ी?
उस्मानिया विश्वविद्यालय

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