जफरनामा भारत के इतिहास की लिखित रचनाओं में से एक है। जफरनामा एक पत्र है। जो कि फ़ारसी भाषा में लिखा गया है। जफरनामा को हिन्दी में विजय पत्र के नाम से जाना जाता है। जफरनामा के लेखक सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी है तथा उन्होंने विजय की यह चिट्ठी मुगल शासक औरंगजेब को वर्ष 1705 में भेजी थी। इस पत्र में औरंगजेब को क़ुरान के आदेश तथा उसके द्वारा किए गए पापों की याद दिलवाई गई थी। जिस समय औरंगजेब को यह पत्र मिला वह अपने जीवन के अंतिम चरण पर था। इस पत्र को पढ़ने के पश्चात औरंगजेब ने दशम गुरु को आदर सहित बुलावा भेजा था किन्तु इससे पहले की यह भेंट हो पाती औरंगजेब मृत्यु को प्राप्त हो गया। फ़ारसी भाषा में लिखा यह विजय पत्र इतिहास के समय की एक अहम स्थिति को अपने अंदर समेटे हुए है। जफरनामा से सबंधित अन्य सामान्य ज्ञान प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
1). दशम गुरु ने किसके द्वारा जफरनामा औरंगजेब तक पहुँचाया था?
भाई दया सिंह द्वारा
भाई दया सिंह द्वारा
2). जिस समय औरंगजेब को जफरनामा प्राप्त हुआ वह कहाँ पर था?
महाराष्ट्र के अहमदनगर में
महाराष्ट्र के अहमदनगर में
3). जफरनामा की भाषा क्या है तथा क्यों चुनी गई?
जफरनामा की भाषा फ़ारसी है तथा दशम गुरु जिन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था उन्होंने यह भाषा इसलिए चुनी क्योंकि उस समय फ़ारसी मुग़ल साम्राज्य की आधिकारिक भाषा थी तथा औरंगजेब इसे सरलता से समझ सकता था।
जफरनामा की भाषा फ़ारसी है तथा दशम गुरु जिन्हें कई भाषाओं का ज्ञान था उन्होंने यह भाषा इसलिए चुनी क्योंकि उस समय फ़ारसी मुग़ल साम्राज्य की आधिकारिक भाषा थी तथा औरंगजेब इसे सरलता से समझ सकता था।
4). जफरनामा आज किस सिख पवित्र ग्रन्थ का हिस्सा है?
श्री दशम ग्रन्थ का।
श्री दशम ग्रन्थ का।
5). जब दशम गुरु द्वारा यह पत्र लिखा गया था वे कहाँ पर विराजमान थे?
दीना गाँव में (जो कि पंजाब के मालवा भाग में पड़ता है)
दीना गाँव में (जो कि पंजाब के मालवा भाग में पड़ता है)
6). जफरनामा कितने पदों (शेरों) का समूह है?
111 पदों का।
111 पदों का।
7). जफरनामा का फ़ारसी से पंजाबी अनुवाद करने का श्रेय किसे जाता है?
सरदार महेन्द्र सिंह को।
सरदार महेन्द्र सिंह को।