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अकबरनामा के लेखक कौन हैं

अकबरनामा जो कि तीन भागों में विभाजित एक ग्रंथ है के लेखक अबुल फज़ल हैं। अबुल फज़ल अकबर के दरबार में चुने गए नवरत्नों में से एक थे। अकबरनामा का हिन्दी में मतलब "अकबर की कहानी" होता है जो कि एक महत्वपूर्ण इतिहास ग्रँथ है। यह ग्रंथ हमें जानकारी देता है कि अकबर के समयकाल में भारत कैसा था तथा इसके साथ-साथ 2 हज़ार पन्नों का या विशाल ग्रंथ अकबर से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी से हमें अवगत करवाता है जैसे कि अकबर की दिनचर्या, उसका काम करने का तरीका, उसका प्रजा के प्रति रूख तथा उसका चरित्र चित्रण। इस प्रकार शूक्ष्म जानकारी का यह स्त्रोत इतिहासकारों के लिए सदैव रूचि का विषय रहा है। बहुत से इतिहासकार अबुल फज़ल द्वारा रचित इस ग्रंथ पर शोध कर चुके हैं बहुत से कर रहे हैं और बहुत से आगे भी करेंगे। अकबरनामा फ़ारसी भाषा में लिखा गया है। फज़ल ने अपनी ज़िंदगी के कई साल इस ग्रंथ को लिखने में गुजारे हैं। विचित्र बात यह है कि अकबर के बारे में जानकारी के साथ-साथ अकबरनामा में उस समय में विभिन्न क्षेत्रों पर लगने वाले कर, आय, व्यय का ब्यौरा भी इस ग्रंथ में उपलब्ध है जो उस समय की आर्थिक व्यवस्था का चित्रण करता है। इस प्रकार जब अकबरनामा का अध्ययन किया जाता है तो मुग़ल काल के बारे में असंख्य जानकारियाँ निकल कर सामने आती हैं। अबुल फज़ल बताता है की अकबर के समय में भारत तथा विश्व की स्थित कैसी थी। क्योंकि फज़ल अकबर के बेहद करीब था उसकी पहुँच हर एक जानकारी तक थी अर्थात भारत और विश्व के बारे में लगभग हर जानकारी जो अकबर को पता होती थी उस से फज़ल अवगत था या यूँ कह लीजिए कि अकबर उस जानकारी को लिखित रूप देने के लिए फज़ल को बताता था। हालाँकि इस ग्रंथ में अकबर का असली चरित्र क्या था इस बारे में मतभेद उत्पन्न होता है क्योंकि फज़ल ने कहीं भी अकबर की आलोचना नही की है ग्रंथ के सभी पन्ने जहाँ भी अकबर का ज़िक्र है उसकी प्रशंसा से भरे पड़े हैं। इसलिए इस ग्रंथ में पक्षपात नजर आता है। इस कारण अकबरनामा हुए अकबर के चरित्र चित्रण पर तो संदेह जाता है किन्तु भारत की भौगोलिक स्थिति की विश्वसनीय जानकारी देने के लिए यह ग्रंथ एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है। अकबरनामा में बहुत ही गहराई से अकबर की शासन व्यवस्था का वर्णन किया गया है। अकबरनामा से सबंधित अन्य सामान्य ज्ञान प्रश्न निम्न हैं:

1). अकबरनामा भारत व मुग़ल शासन के बारे में किस प्रकार की जानकारी देता है?
यह स्पष्ट रूप से बताता है कि वास्तव में अकबर के साम्राज्य की सीमा कहाँ तक थी, किस क्षेत्र में राजकोष से कितना धन जाता था, किस क्षेत्र में क्या मुश्किलें थी, कौन सी नदी कहाँ बहती थी, जंगल, खेती इत्यादि की जानकारी भी अकबरनामा में मिलती है।

2). अकबरनामा के तीसरे भाग को किस नाम से जाना जाता है?
आइन ए अकबरी

3). अकबरनामा के लेखक अबुल फज़ल को अकबर के दरबार में जगह कब मिली?
वर्ष 1573 में।

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