बसंत पंचमी का त्यौहार हिंदुओं द्वारा उनके अपने कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है इस कैलेंडर को हिन्दू पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पाँच तारीख को मनाई जाती है। पाँच तारीख को हिन्दू कैलेंडर में पंचमी या पंचम लिखा जाता है। माघ माह में ही बसंत ऋतु का आगमन होता है इसी कारण बसंत ऋतु व पंचम तारीख के मेल के कारण इस त्यौहार का नाम बसंत पंचमी पड़ा है। पश्चिमी कैलेंडर (जिसे हम रोजाना प्रयोग में लाते हैं) में बसंत पंचमी की तारीख प्रत्येक वर्ष बदलती रहती है इसका कारण है पश्चिमी कैलेंडर का हिन्दू कैलेंडर से भिन्न होना। जहाँ एक ओर पश्चिमी कैलेंडर पूर्णतः पृथ्वी के परिक्रमण काल के अनुसार बना है वहीं हिन्दू कैलेंडर चंद्रमा के बढ़ने-घटने के अनुसार ढलता है। इस कारण दोनों की तारीखों में अंतर पाया जाता है। कई बार ऐसा होता है कि दो राज्यों में बसंत पंचमी अलग-अलग दिन मनाई जाती है इसका कारण एक ही माह में पंचम तारीख का दो बार आना होता है पंचांग में एक ही तारीख लगातार दो दिन आ सकती है। आने वाले वर्षों में बसंत पंचमी कब-कब मनाई जाएगी आइए जानते हैं:
2019 : 10 फरवरी (रविवार के दिन)
2020 : 29 जनवरी (बुधवार के दिन)
2021 : 16 फरवरी (मंगलवार के दिन)
2022 : 5 फरवरी (शनिवार के दिन)
2023 : 26 जनवरी (गुरुवार के दिन)
2024 : 14 फरवरी (बुधवार के दिन)
2025 : 2 फरवरी (रविवार के दिन)
2026 : 23 जनवरी (शुक्रवार के दिन)
2027 : 11 फरवरी (गुरुवार के दिन)
2028 : 31 जनवरी (सोमवार के दिन)
2029 : 19 जनवरी (शुक्रवार के दिन)
2030 : 7 फरवरी (गुरुवार के दिन)
2020 : 29 जनवरी (बुधवार के दिन)
2021 : 16 फरवरी (मंगलवार के दिन)
2022 : 5 फरवरी (शनिवार के दिन)
2023 : 26 जनवरी (गुरुवार के दिन)
2024 : 14 फरवरी (बुधवार के दिन)
2025 : 2 फरवरी (रविवार के दिन)
2026 : 23 जनवरी (शुक्रवार के दिन)
2027 : 11 फरवरी (गुरुवार के दिन)
2028 : 31 जनवरी (सोमवार के दिन)
2029 : 19 जनवरी (शुक्रवार के दिन)
2030 : 7 फरवरी (गुरुवार के दिन)