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जम्मू कश्मीर और कन्याकुमारी क्यों प्रसिद्ध है

भारत के ये दोनों स्थान इसलिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि दोनों भारत के अंतिम छोर पर हैं तथा पूरा भारत इन दोनों के मध्य समा जाता है। एक ओर जहां कश्मीर उत्तर भारत के अंतिम छोर पर है वहीं कन्याकुमारी दक्षिण भारत का अंतिम चरण है। तमिलनाडु राज्य का हिस्सा "कन्याकुमारी" कुल 26 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल पर अपना स्वामित्व रखता है। वहीं कश्मीर भारत के उत्तर में स्थित पहाड़ियों से घिरा हुआ एक प्रदेश है दोनों की संस्कृति में अलौकिकता है तथा दोनों ही अपनी-अपनी सांस्कृतिक भिन्नता हेतु प्रसिद्ध हैं। जब इन दोनों क्षेत्रों का नाम एक साथ लिया जाता है तो इसमें भारत देश की एकता झलकती है।

कश्मीर तथा कन्याकुमारी के बीच दूरी 2586 किलो मीटर है जो कि हवाई मार्ग, रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग द्वारा अलग-अलग आँकी जा सकती है। कश्मीर की राजधानी श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग का नाम NH-44 है। यह एक सयुंक्त राजमार्ग है जिसका निर्माण NH-7 जैसे राजमार्गों को जोड़ कर किया गया है। इसकी कुल लम्बाई 3745 किलो मीटर है क्योंकि यह भारत के नौ राज्यों से होकर गुजरता है इसलिए कश्मीर और कन्याकुमारी की दूरी की अपेक्षा इसकी लम्बाई ज्यादा है। कश्मीर और कन्याकुमारी की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि इनका प्रयोग फिल्मी गानों में बार-बार देखने को मिलता है।

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