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किसकी खोज किसने की Kiski Khoj Kisne Ki

1. भारत की खोज:
किसने की: वास्को द गामा
कब की: 20 मई 1498
# भारत की खोज से यहां अभिप्राय भारत का विश्व के अन्य देशों के साथ जुड़ने से है यद्दपि भारत पहले से ही विद्यमान था परन्तु समुंद्र के रास्ते भारत को वास्को द गामा से पूर्व किसी ने नही खोजा था। वास्को द गामा पुर्तगाल का निवासी था उसे सोहलवीं शताब्दी का सबसे सफल खोजकर्ता माना जाता है भारत की खोज में उसकी विशेषता यह थी कि उसने यूरोप और भारत के बीच के सीधे समुंद्री मार्ग की खोज की और उस समय बिना ज्ञात मार्ग के इस प्रकार स्टीकता से भारत जैसा विशाल देश खोज लेना कोई आम बात नही थी। समुंद्र का खतरों से भरा हज़ारों मील लंबा रास्ता बिना किसी स्टीक जानकारी के मात्र एक आशा के बलबूते पर कर लेना एक साहसी कदम था। वास्को द गामा भारत के कालीकट पर 20 मई 1498 को पहुँचा था। कालीकट केरल राज्य में स्थित है तथा वर्तमान में कोषीकोड़ जिले के नाम से जाना जाता है। वास्को द गामा के कालीकट (केरल) के इस आगमन से भारत पूरे विश्व से जुड़ गया तथा गामा ने केरल में जो कुछ भी देखा उसे लिखित रूप में छोड़ा है गामा के ये दस्तावेज हमें बताते हैं कि सोहलवीं शताब्दी में केरल कैसा था। इसलिए भारत के इतिहास की जानकारी देने में वास्को द गामा के ये दस्तावेज बहुत अहम हैं।
2. गूगल की खोज:
किसने की: लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन
कब की: 1996
# गूगल की खोज अमेरिका के दो नागरिकों लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने उस समय की जब इंटरनेट का विकास अपने आरंभिक स्तर पर था। 1996 के समय अधिक्तर खोजी वेबसाइट इतना अच्छा प्रदर्शन नही कर पा रही थी जिसके चलते इन दोनों छात्रों ने "बैकरब" नाम से नई खोजी वेबसाइट बनाई वेबसाइट पर रिसर्च करते हुए वे दोनों इसके प्रदर्शन से बहुत प्रभावित हुए। यही वेबसाइट आगे चलकर विकसित होती गई तथा आज हम इसे गूगल के नाम से जानते हैं।
3. फेसबुक की खोज:
किसने की: मार्क जुकरबर्ग
कब की: 4 फरवरी 2004
# फेसबुक की खोज बड़े ही रोचक तरीके से हुई इसके खोजकर्ता मार्क को इस बात का एहसास तक नही था कि जो वेबसाइट वह बना रहा है एक दिन उसे दुनिया की सबसे बड़ी जानकारी आदान प्रदान करने वाली ऑनलाइन हब के रूप में जाना जाएगा तथा यह ऑनलाइन दुनिया की सर्वोपरि आवश्यकता बन जाएगी। मार्क और उनके सहपाठी अमेरिका के हावर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ते थे उन्होंने "फेसमैश" के नाम से एक मनोरंजक वेबसाइट बनाई जिस पर कॉलेज के किन्ही दो छात्रों के फोटो लगाए जाते थे तथा उनकी ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा करवाई जाती थी इसमें पूछा जाता था कि उपरोक्त दोनों फ़ोटो में से कौन सुंदर है और कौन नही इसके लिए "हॉट और नॉट" का विकल्प दिया जाता था। धीरे-धीरे यह वेवसाइट पूरे विश्वविद्यालय की पसंद बन गई फिर इसे और विकसित किया गया तथा इसका नाम फेसमैश से बदलकर "फेसबुक" किया गया। नए विकसित विकल्पों के साथ यह वेबसाइट पहले न्यूयॉर्क, फिर अमेरिका और फिर पूरे विश्व में फैल गई आज दुनिया का प्रत्येक छठा व्यक्ति फेसबुक का प्रयोग कर रहा है।
4. व्हाट्सएप्प की खोज:
किसने की: जैन कोम तथा ब्रायन ऐक्टन
कब की: 24 फरवरी 2009
# जैन कोम और ब्रायन ऐक्टन पहले याहू में काम किया करते थे जो कि गूगल की तरह ही एक खोजी वेबसाइट है। परन्तु वर्ष 2007 में इन्होंने ने नौकरी छोड़ दी क्योंकि याहू कंपनी घाटे में जा रही थी तथा इंटरनेट पर खोज के मामले में गूगल से बहुत पीछे रह चुकी थी। नौकरी छूटने के बाद इन दोनों ने फेसबुक में नौकरी करनी चाही परन्तु फेसबुक ने इनका आवेदन ठुकरा दिया। फलस्वरूप दोनों बेरोजगार हो गए व नई नौकरी की तलाश करने लगे। इसी बीच एक दिन जैन कोम ने एप्पल कंपनी का मोबाइल खरीदा व इसे प्रयोग करने बाद बाद कोम को एहसास हुआ कि वेबसाइट का भविष्य मोबाइल एप्पलीकेशन में है अपनी इसी बात को उसने अपने मित्रों के साथ बांटा। यहीं से व्हाट्सएप्प के जन्म की शुरुआत हुई। कोम और ऐक्टन ने एक वेब डेवलपर को किराए पर बुलाया तथा एक एप्प डिज़ाइन करवाई जिस आज हम व्हाट्सएप्प के नाम से जानते हैं। यह एप्प लोगों को इतना प्रभावित कर गई कि आज हर व्यक्ति जिसके पास एप्पल या एंड्राइड मोबाइल है वह व्हाट्सएप्प का प्रयोग कर रहा है।
5. ट्विटर की खोज:
किसने की: जैक डोरसे
कब की: 21 मार्च 2009
# जैक डोरसे एक ऐसी वेबसाइट बनाना चाहते थे जो कम से कम शब्दों का प्रयोग कर केवल आवश्यक जानकारी दे सके तथा मोबाइल को इंटरनेट से बांध सके। ट्विटर की शुरुआत के समय एस.एम.एस. (sms) जैसी मोबाइल सेवा अपने चरम पर थी और क्योंकि एक sms 160 अक्षरों का होता था इसलिए ट्विटर पर डाली जानकारी को 160 से कम अक्षरों का रखा जाना था। जैक डोरसे चाहते थे कि जो भी इंटरनेट पर डाला जाए वह लोगों के मोबाइल तक पहुँचना चाहिए। इसलिए जो भी लिखा जाए उसकी सीमा 160 अक्षरों से ज्यादा नही होनी चाहिए। इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होंने ट्विटर पर डाली जाने वाली पोस्ट जिसे ट्वीट कहा जाता है के लिए 140 अक्षरों की सीमा तय की तथा 160 में से बचे 20 अक्षर उस व्यक्ति के नाम के लिए आरक्षित रखे जो ट्वीट कर रहा है। शुरू में यह सेवा sms के जरिए प्रचलित हुई परन्तु बाद में स्मार्ट फोन आने से पूरी तरह इंटरनेट पर फैल गई। आज ट्विटर अपने उपयोगकर्ताओं को मोबाइल, sms व इंटरनेट तीनों से जोड़ता है तथा विश्व की 10 सबसे बड़ी वेबसाइटों में शुमार है।
6. कंप्यूटर की खोज:
किसने की: चार्ल्स बैबेज
कब की: 1822 में
# कंप्यूटर की खोज का श्रेय चार्ल्स बैबेज को जाता है। उन्होंने पहले प्रोग्राम युक्त कंप्यूटर का डिज़ाइन (रूपरेखा) तैयार की थी। कंप्यूटर एक खोज तथा अविष्कार दोनों का मिश्रण है। क्योंकि वर्तमान में यह एक मशीन मात्र न होकर एक काल्पनिक दुनिया है जो इंटरनेट से जुड़कर इस काल्पनिक संसार का सृजन करता है।
7. मोबाइल की खोज:
किसने की: मार्टिन कूपर & जॉन एफ. मिशेल
कब की: 1973 में
# विश्व की सबसे बड़ी सूचना क्रांति के तौर पर उभरने वाले मोबाइल के आविष्कार व खोज की कहानी वर्स 1973 में उस समय शुरू हुई जब मोटोरोला कम्पनी के मार्टिन कूपर ने 2 किलो ग्राम वजनी पहला फोन दुनिया के सामने लेकर आए। यह पहला ऐसा फोन था जो बिना किसी तार के आवाज का आदान प्रदान करने में सक्षम था। मार्टिन ने दुनिया के सामने पहली बार कॉल 3 अप्रैल 1973 को की थी। मोटोरोला के इस मॉडल का नाम Dyna TAC 8000x था। लोगों के उपयोग के लिए इस फोन का वितरण 1983 में शुरू किया गया। इसके शुरूआती समय में इसकी कीमत 2 लाख 20 हजार तय की गई थी।
8. इंटरनेट की खोज:
किसने की: रोबर्ट ई कॉम और विन्ट कर्फ़ ने
कब की:  1962 में
# इंटरनेट एक काल्पनिक संसार की तरह काम करता है यह सूचना आदान प्रदान का इतना बड़ा नाम बन चुका है कि दुनिया के 40% लोग पूर्णतः इस पर आश्रित हो चुके हैं तथा यह जिस रफ्तार से फैल रहा है उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले दिनों में यह पूरे संसार पर काबिज हो जाएगा। इंटरनेट के जन्म की कहानी उस समय शुरू हुई जब अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों को आपस में सूचना बांटने की एक माध्यम की आवश्यकता पड़ी इसके लिए जेसीआर लिकलिडर ने  वर्ष 1966 में एक छोटा नेटवर्क तैयार किया बाद में PARPA इससे जुड़ी तथा इंटरनेट को बनाए जाने की शुरुआत हुई शुरू में तो यह सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों तथा सरकारी विभागों के लिए ही उपलब्ध था परंतु धीरे-धीरे जब इससे टीसीपी तथा आईपी जैसी सुविधाएं जुड़ी तथा वर्ष 1991 में www आया तब इसने वैश्विक स्तर पर रफ्तार पकड़ी तथा इस सब सुविधाओं ने मिलकर इंटरनेट को विश्व स्तर पर फैला दिया।
9. WWW की खोज:
किसने की: टीम बर्नर्स ली ने
कब की: 1991 में
# टीम बर्नर्स ली ने www जैसे विश्वस्तरीय इंटरनेट प्रोग्राम बनाने की शुरुआत 1980 के दशक में शुरू कर दी थी तथा सन 1989 को अपना कार्य पूर्ण कर उन्होंने इसका प्रारूप अपने उच्च अधिकारी माइक सैंडल के सामने पेश किया व उनसे अनुमति  पाकर वर्ष 1991 में इन्होंने इसे वास्तविक रुप दिया। www इंटरनेट का वह है गढ़ है जहां पर जाकर सारी जानकारी संग्रहित होती है अर्थात जो भी हम इंटरनेट पर लिखते हैं पढ़ते हैं देखते हैं करते हैं यह सब www में ही जाकर छपती है तथा जो जानकारी हम इंटरनेट से लेते हैं वह भी www से ही आती है सूचना के आदान प्रदान का  जरिया एचटीटीपी तथा HTML जैसे प्रोग्राम बनते हैं जिन्हें हम देख नही सकते। किसी जानकारी को खोजने के लिए हम जिस वेबसाइट का प्रयोग करते हैं वह एक स्पष्ट माध्यम होता है जिसे हम देख सकते हैं।
10. ईमेल की खोज:
किसने की: वीए शिवा अय्यदुरई ने
कब की: 1978 में
# ईमेल की खोज का श्रेय भारत मूल के शिवा अय्यदुरई को जाता है। अय्यदुरई ने वर्ष 1978 में अमेरिका में पढ़ते समय 14 वर्ष की आयु में ईमेल की खोज की थी। उस समय उन्होंने अपने प्रोग्रामिंग ज्ञान की मदद से ईमेल का ढांचा तैयार किया जैसे कि: भेजने के लिए एक खाली बॉक्स जिसमें संदेश लिखा जा सकता था, दूसरी तरफ से आए संदेशों को संग्रहित करने के लिए इनबॉक्स, फोटो अथवा फाइल भेजने के लिए अटैचमेंट विकल्प तथा जिसे भेजना होता था उसका एड्रेस डालने के लिए खाली एड्रेस बॉक्स इत्यादि। हालांकि आज सुनने में यह शब्द बड़े ही आसान लगते हैं परंतु इनकी परिकल्पना अमेरिका की बड़ी बड़ी कंपनियां भी नहीं कर सकी थी। उन्होंने ऐसी किसी तकनीक का बनना असंभव माना था। 30 अगस्त 1982 के दिन अमेरिका ने आधिकारिक रूप से अय्यदुरई को ईमेल के खोजकर्ता घोषित किया।
11. यूट्यूब की खोज:
किसने की: स्टीव चैन, चाड हर्ले और जावेद करीम ने
कब की: 14 फरवरी 2005 को
# दुनिया की किसी भी वीडियो को बिना रोक-टोक दुनिया के किसी भी कोने में देखे जा सकने योग्य बनाने वाली तकनीक का नाम यूट्यूब है। इस वेबसाइट का निर्माण करने का श्रेय इन तीन लोगों की मेहनत को जाता है। यूट्यूब ने इंटरनेट को बड़े ही प्रभावी ढंग से रफ्तार दी है। इसके खोजकर्ताओं के मन में यूट्यूब बनाने का विचार उस समय आया जब वे किसी पार्टी में बनी वीडियो को ढूंढ रहे थे परन्तु बहुत कोशिशों के बाद भी वे इसे देख पाने में असमर्थ रहे। इसके बाद उन्होंने सोचा क्यों ना एक ऐसी वेबसाइट बनाई जाए जिसके द्वारा दुनिया के किसी भी कोने में बनी वीडियो को कहीं भी देखा जा सके। उनके इसी विचार ने यूट्यूब को जन्म दिया तथा बनने के बाद जल्द ही लोगों की जरूरतों को पूरा करती इस वेबसाइट ने रफ्तार पकड़ ली। इस वेबसाइट की भविष्य की सफलता का अंदाजा लगा कर गूगल ने इसे खरीद लिया। वर्तमान में गूगल दुनिया की पहली सबसे बड़ी तथा यूट्यूब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी वेबसाइट है।
12. विकिपीडिया की खोज:
किसने की: जिम्मी वेल्स और लैरी सेंजर ने
कब की: 15 जनवरी 2001 को
# दुनिया का बड़े से बड़ा तथा छोटे से छोटा ज्ञान समेटे रखने वाली वेबसाइट विकिपीडिया दुनिया की सबसे बड़ी ज्ञानवर्धक वेबसाइट है। इसकी सफलता का सबसे बड़ा कारण इसका निशुल्क होना है। इसके प्रयोग के लिए व इससे प्राप्त जानकारी के लिए आपको कोई पैसा नहीं देना पड़ता क्योंकि इस वेबसाइट पर जानकारी लोगों द्वारा ही डाली जाती है और लोगों द्वारा ही पढ़ी जाती है। इसलिए यह लोगों के लिए, लोगों द्वारा बनाया गया, लोगों का ज्ञानकोश है। कोई भी व्यक्ति जो इंटरनेट चलाना जानता है वह इस वेबसाइट पर आकर अपनी भाषा में कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकता है या कोई भी जानकारी डाल सकता है। विकिपीडिया को पहले न्यूपीडिया के नाम से जाना जाता था परंतु यह सफल ना हो सकी फलस्वरुप वर्ष 2001 में इसे विकिपीडिया नाम से पुनः बनाया गया। Google अपनी खोज में wikipedia को हमेशा तवज्जो देता है जिस कारण आज यह दुनिया की सबसे बड़ी 10 वेबसाइटों में शामिल है।
13. अमेरिका की खोज:
किसने की: क्रिस्टोफर कोलंबस ने
कब की: 1492 में
# अमेरिका की खोज यहां तात्पर्य अमेरिका महाद्वीप पर पहुंचे पहले व्यक्ति से है यद्दपि अमेरिका महाद्वीप पहले से ही विद्यमान है परंतु दुनिया के इस क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला व्यक्ति क्रिस्टोफर कोलंबस था। कोलंबस समुंद्र के रास्ते अमेरिका के तट पर पहुँचने में सफल हुआ था। वह इटली देश के नागरिक था तथा वर्ष 1492 में अमेरिका को खोज निकालने के बाद उसने वर्ष 1502 तक अमेरिका की ओर अपने 4 समुद्री अभियान चलाए। अमेरिका की खोज आधुनिक सभ्यता के पनप जाने के बहुत देर बाद हुई थी जिस कारण इसे नई दुनिया कहा गया।
14. ऑस्ट्रेलिया की खोज:
किसने की: जेम्स कूक ने
कब की: 1770 में
# ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप होने के साथ-साथ देश भी है तथा इस पर प्राचीन काल में मनुष्य ने 50000 वर्ष पूर्व ही कदम रख दिए थे परन्तु आधुनिक काल में इस महाद्वीप पर पहुंचने वाले पहले व्यक्ति जेम्स कुक थे। जिन्होंने वर्ष 1970 में ऑस्ट्रेलिया के तट को खोज निकाला था इसलिए उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खोजकर्ता होने का श्रेय दिया जाता है। कुक ने ऑस्ट्रेलिया का दक्षिणी तट खोजा था तथा इसे ब्रिटेन के लिए आरक्षित कर दिया था।
15. ध्वज की खोज:
किसने की: डेनमार्क नागरिकों ने
कब की: 1307 से पूर्व
# वर्तमान में प्रत्येक देश का अपना अलग ध्वज है परंतु दुनिया का सबसे पुराना ध्वज बनाने वाले व्यक्ति को इसका खोजकर्ता माना जाता है। इस ऐतिहासिक कार्य को करने वाला व्यक्ति अज्ञात है तथा वह डेनमार्क का नागरिक था। डेनमार्क का झंडा जैसा आज दिखाई देता है ऐसा ही यह 1307 में भी था क्योंकि इसमें अब तक कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। डेनमार्क में जितनी भी सरकारें बदली उन्होंने अपने ध्वज को ज्यों का त्यों रखा है जिस कारण यह दुनिया का सबसे पुराना ध्वज कहलाता है। लगभग 700 साल से भी अधिक पुराने इस ध्वज का रंग लाल है जिसमें सफेद रंग की दो पट्टियां है जो प्लस का निशान बनाती हैं।
16. चुंबक की खोज:
किसने की: क्रेटन मैग्नस ने
कब की: 4000 वर्ष पूर्व
# चुंबक की खोज प्राचीन समय में ही बहुत पहले हो चुकी थी इसलिए वास्तव में इसे किसने खोजा इस पर संदेह रहता है। समय के साथ-साथ इसकी खोज के साथ बहुत सी कहानियां जुड़ चुकी हैं और क्योंकि हमारे पास लिखित जानकारी का अभाव है इस कारण हमें मौखिक रूप से प्रचलित इन कहानियों पर ही विश्वास करना पड़ता है। इसलिए जो कहानी वास्तविकता के सबसे करीब नजर आती है उसे ही सत्य माना गया है। इस विश्वसनीय कहानी के अनुसार चुंबक की खोज मैगनस नामक गडरिए ने दुर्घटना वश कर दी थी। एक पहाड़ी स्थान पर जब यह गडरिया अपनी भेड़ें चरा रहा था तो विश्राम करने के लिए एक पत्थर पर बैठ गया। क्योंकि वह पहाड़ी क्षेत्र में रहता था इस कारण उसके  जूतों के नीचे लोहे की कीलें तथा उसकी लाठी के नीचे लोहे की कोर बनी हुई थी जो कि वही रखे एक चुंबक से चिपक गई इस प्रकार का अविश्वसनीय खिंचाव देखकर वह डर गया तथा उसने अपने गांव वालों व साथियों को बुलाया। सभी ने इस आश्चर्यजनक वस्तु को देखा तथा पाया गया सिर्फ लोहे से बनी वस्तुओं को ही अपनी ओर आकर्षित करती है। इस घटना के बाद चुम्बक अंधविश्वासों से घिर गया तथा इसे दैवीय शक्ति का पत्थर रूप माना गया। प्राचीन काल में चुंबक के बड़े पत्थरों को पूजा जाता रहा है। इसके खिंचाव का वास्तविक रहस्य आधुनिक काल में आकर सुलझ सका और पाया गया है कि यह चुंबकीय तरंगों के लोहे की वस्तुओं व अन्य चुम्बकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
17. अंटार्कटिका की खोज:
किसने की: जेम्स कुक ने
कब की: 1773 में
# अंटार्कटिका महाद्वीप के बारे में पता लगाने वाले प्रथम व्यक्ति जेम्स कुक थे। उन्होंने वर्ष 1773 में अंटार्कटिका के वृत को पार किया तथा बर्फ की एक विशाल चट्टान को खोजा व अंदेशा लगाया कि इसी विशाल बर्फ की चट्टान के आगे कोई विशाल भू-क्षेत्र है। हालांकि कुक अंटार्कटिका महाद्वीप पर नहीं पहुंचे पाए थे तथा इसके लगभग 286 किलोमीटर दूर से ही वापस आ गए थे। परंतु उन्होंने इसकी खोज अवश्य कर ली थी इस खोज के बाद मनुष्य को 75 वर्षों का समय लगा इस महाद्वीप पर अपने कदम रखने में।
18. कागज की खोज:
किसने की: त साई लून ने
कब की: 202 ईसा पूर्व
# कागज की खोज का श्रेय चीन देश के वासी त साई लून को जाता है। उन्होंने 202 ईसापूर्व अर्थात आज से लगभग 2200 साल पहले हान राजवंश के शासक के समक्ष स्वयं द्वारा बनाया गया कागज पेश किया था। शासक ने पाया कि यह पत्ते की तरह पतली किन्तु देखने में सुंदर वस्तु लिखने के लिए लिहाज से बहुत ही उपयोगी है इसलिए हान शासन इसे स्वीकार कर लिया। यह कागज पेड़ की छाल तथा रेशे का मिश्रण कर बनाया गया था तथा चिकनाहट भरा था परन्तु आधुनिक कागज से भिन्न था। आधुनिक कागज की शुरुआत भारत में वर्ष 1870 से हुई जब की पुरानी किस्म का कागज भारत में 15 वीं शताब्दी में ही आ गया था।
19. इत्र की खोज:
किसने की: टपुति ने
कब की: 1200 ईसा पूर्व
# इत्र जिसे परफ्यूम या सेंट भी कहा जाता है का इतिहास बहुत पुराना है इसके बारे में सबसे प्राचीन ज्ञात इतिहास 1200 ईसा पूर्व तक जाता है अर्थात आज से 3200 साल पहले ही इत्र की खोज हो चुकी थी टपुति नाम की महिला रसायनज्ञ (केमिस्ट) ने 1200 ईसा पूर्व इत्र की गोलियां बना ली थी। इन खुशबूदार गोलियों को कपड़ों पर रगड़ा जाता था जिससे यह इत्र की तरह महकते थे। इसके बाद भारत में गुलाब से इत्र बनाया गया। गुलाब से इत्र बनाने की विधि की खोज करने का श्रेय अस्मत बेगम को जाता है यह नूरजहां की मां थी और नूर जहां मुगल जहांगीर की पत्नी थी।
20. हीरे की खोज:
किसने की: भारतीयों ने
कब की: चौथी शताब्दी ईसा पूर्व
# हीरे की खोज का श्रेय भारतीय को जाता है इसके लिए किसी एक व्यक्ति का नाम नहीं लिया जा सकता। छठी शताब्दी ईसा पूर्व से हीरों का ज्ञात इतिहास शुरू होता है। शुरुआती दौर में हीरे का एकमात्र स्त्रोत भारत था। भारत में आज से 2400 साल पहले ही हीरों प्रयोग होना आरंभ हो गया था। उस समय दुनिया के किसी अन्य देश को हीरों के का कोई ज्ञान नहीं था।
21. कार्बन की खोज:
किसने की: ए.एल. लेवोइज़र ने
कब की: 1789 में
# कार्बन का प्रयोग प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है परंतु एक एलिमेंट (तत्व) के तौर पर इसकी पहचान 18 वीं शताब्दी में हुई तथा इसे तत्व के रूप में पहचाने जाने को ही इसकी खोज माना गया। कार्बन को इसका नाम व तत्व के रूप में इसकी पहचान ए.एल. लेवोइज़र ने 1789 में दी तथा इसे तत्वों की सूची में शामिल किया गया।
22. कार्बन डाइऑक्साइड की खोज:
किसने की: जोज़फ ब्लैक ने
कब की: 1750 के दशक में
# कार्बन डाइऑक्साइड जो कि एक रंगहीन व गंधहीन गैस है तथा जिसे जीवित प्राणी सांस द्वारा शरीर से बाहर निकालते हैं के अस्तित्व का पता स्कॉटिश रसायनज्ञ ने वर्ष 1750 के दशक में लगाया तथा तभी से इस गैस पर शोध होने शुरू हो गए।
23. ऑक्सीजन की खोज:
किसने की: प्रिस्टले जोसफ तथा कार्ल विल्हम शील ने
कब की: वर्ष 1773 में
# ऑक्सीजन एक रंगहीन व गंधहीन गैस है जो संजीवों द्वारा सांस के माध्यम से ग्रहण की जाती है। इस गैस को खोजने का श्रेय प्रिस्टले जोसफ तथा कार्ल विल्हम शील को जाता है। शील पहली बार ऑक्सीजन को पृथक करने में सफल हुए थे। ऑक्सीजन को यदि तरल अवस्था में लाया जाए तो यह हल्के नीले रंग के पानी जैसी दिखाई देती है जो सामान्य तापमान पर उबलती रहती है।
24. नाइट्रोजन की खोज:
किसने की: डेनियल रदरफोर्ड ने
कब की: 1772 में
# नाइट्रोजन एक रंगहीन व गंधहीन गैस है जब इसे तरल अवस्था में लाया जाता है तो यह पानी जैसी दिखाई देती है। इस गैस की खोज का श्रेय डेनियल रदरफोर्ड को जाता है जिन्होंने वर्ष 1772 में जब ऑक्सीजन की खोज हुई थी उसी समय नाइट्रोजन को खोज निकाला था। हमारे वातावरण में नाइट्रोजन की मात्रा सबसे ज्यादा है जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसका 78 प्रतिशत हिस्सा नाइट्रोजन गैस से बना है।
25. मिथुन की खोज:
किसने की: अलेजेन्ड्रो वोल्टा ने
कब की: 1776-78 में
# ग्रीन हाउस के रूप में जाने जाने वाली मिथेन गैस की खोज 1776 से 1778 में अलेजेन्ड्रो वोल्टा ने की थी जो कि पेशे से एक रसायनज्ञ थे। मीथेन गोबर गैस का हिस्सा है। यह गैस न तो अपनी कोई गंध रखती ही न ही कोई रंग। प्रसिद्ध प्रकृतिक गैस CNG में मीथेन की मात्रा सर्वाधिक होती है।
26. तेल का कुआं की खोज:
किसने की: एडविन ड्रेक ने
कब की: 1859 में
# वर्ष 1858 में जॉर्ज क्रिश्चियन कनोड कोयले के लिए खुदाई कर रहे थे तो उन्हें कुछ पेट्रोलियम पदार्थ मिले तथा इस बात का पता चलने पर की जमीन के नीचे जलने योग्य प्राकृतिक गैस तथा तेल मौजूद है वर्ष 1859 में एडमिन ने टिट्सविले पेंसिल्वेनिया के नजदीक  पहला आधुनिक तेल का कुआं खोदा। इस कुए को एडमिन ड्रेक के नाम पर ही ड्रेक वेल नाम दिया गया।
27. कोयले की खोज:
किसने की: चीनियों ने
कब की: 3000 साल पहले
# कोयले की खोज प्राचीन इतिहास में ही हो चुकी थी। सर्वप्रथम चीन में इसका प्रयोग किया गया था। वहीं यदि कोयले से आधुनिक काल में ऊर्जा प्राप्त करने की बात की जाए तो थॉमस वाल्कर कोयले को ऊर्जा के रूप में प्रयोग किए जाने वाली विधि के खोजकर्ता है। आधुनिक काल में वर्ष 1748 में कोयले की व्यापार के उद्देश्य से पहली बार खुदाई की गई थी।
28. आग की खोज:
किसने की: आदिमानव ने
कब की: सवा लाख साल पहले
किस काल में: पुरापाषाण काल में
# आग बहुत ही प्राचीन काल से जलाई जाती रही है इसकी खोज मनुष्य ने उस समय कर ली थी जब मनुष्य प्रजाति अफ्रीका के जंगलों में रहा करती थी वहीं पर सभी मनुष्यों का जन्म हुआ है तथा अफ्रीका से ही स्थानांतरित होकर मनुष्य की प्रजातियां पूरे विश्व में फैली हैं। आग की खोज उस आदिमानव की देन है जो जंगली जीवो से अपनी रक्षा करने के लिए इसे जलाया करता था तथा शिकार को भूनकर खाने के लिए इसका प्रयोग किया करता था।
29. पहिए की खोज:
किसने की: नवपाषाण काल की मानवीय सभ्यता ने
कब की: 10000 साल पहले
# पहिए की खोज दो तरह से देखी जा सकती है पहली प्राचीनतम सन में कि जब लकड़ी के कटे हुए ठोस टुकड़ों को लुढ़काया जाता था तथा दूसरी 3300 ईसा पूर्व जब इसका प्रयोग किसी वस्तु को गतिमान करने के लिए किया जाने लगा था
30. लोहे की खोज:
किसने की: पुरातन काल की मानवीय सभ्यता ने
कब की: पुरातन काल में
# लोहा आज सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली धातु है इसकी खोज पुरातन काल से ही हो चुकी है। भारत में लोहे की खोज के जीवित साक्ष्य हजारों साल से भी अधिक पुराने हैं दिल्ली का लौह स्तंभ आज से 1600 वर्ष पूर्व बनाया गया था जो कि लोहा प्रयोग के क्षेत्र में भारतीयों की अग्रिमता की एक मिसाल है।
31. सोने की खोज:
किसने की: सम्भवतः एशिया महाद्वीप वासियों ने
कब की: 6000 साल पहले
# सोने का इतिहास प्राचीन काल से शुरू होता है इसे जमीन से निकाले जाने की प्रक्रिया का आरंभ आज से 6000 साल पहले माना जाता है तथा इस बहुमूल्य धातु से सिक्का बनाने की शुरुआत आज से 2550 ईसापूर्व तुर्की में की गई थी। सोने को सिक्कों के रूप में ढाले जाने की विधि की खोज का श्रेय लीडा के राजा क्रोएसस को जाता है।
32. चांदी की खोज:
किसने की: कोई साक्ष्य नही
कब की: 6000 साल पहले
# चांदी की धातु से सिक्के बनाने की प्रक्रिया सोने की तरह ही प्राचीन काल से प्रयोग में लाई जाती रही है। यद्यपि चांदी की खोज के साक्ष्य 6000 साल पूर्व तक ही जाते हैं परंतु इसकी खोज इसे कहीं पहले की जा चुकी है इसकी खोज की तारीख व खोजकर्ता का नाम सोने व लोहे के खोजकर्ताओं की तरह ही इतिहास में खो चुका है।
33. तांबा की खोज:
किसने की: सम्भवतः अफ्रीकी मानवीय सभ्यता ने
कब की: 7000 साल पहले
# सोने की खोज के साक्ष्य अधिक से अधिक 7000 साल पुराने हैं परन्तु तांबे खोज इससे बहुत समय पहले की जा चुकी थी। मनुष्य ने अधिकतर बहुतयात तौर पर प्रयोग होने वाली धातुओं की खोज प्राचीन समय में ही कर ली थी तथा तांबा उन्हीं में से एक था। साक्ष्यों से पता चलता है कि अधिकतर प्राचीन मानवीय सभ्यताओं को तांबे का ज्ञान था।
34. डायनासोर के अवशेषों की खोज:
किसने की: चीनियों ने
कब की: 2500 वर्ष से पूर्व
# चीन में डायनासोर के अवशेष प्राचीन समय में ही खोजे जा चुके हैं वहां के लोग इन अवशेषों का प्रयोग दवा बनाने के लिए किया करते थे। चीन में इन्हें ड्रैगन बोन्स  (अजगर की हड्डी) नाम से जाना जाता है। डायनासोर छिपकली की प्रजाति से संबंधित है तथा कुछ पक्षियों की प्रजाति भी इनसे संबंध रखती है डायनासोर नाम का अर्थ होता है बड़ी छिपकली।
35. इलेक्ट्रॉन की खोज:
किसने की: जे जे थॉमसन ने
कब की: 1897 में
# इलेक्ट्रॉन जो कि ऋणात्मक विद्युत आवेश रखते हैं तथा परमाणु के केंद्र में स्थित नाभिक के चारों ओर चक्कर लगाते हैं की खोज वर्ष 1897 में जोसेफ जॉन थॉमसन ने की थी तथा उन्हें अपनी इस ऐतिहासिक खोज के लिए वर्ष 1996 नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।
36. प्रोटॉन की खोज:
किसने की: अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने
कब की: 1911 में
# इलेक्ट्रॉन की खोज के बाद परमाणु पर और भी अधिक शौध होने लगे थे तथा रेडियोधर्मी प्रक्रिया को दोहराते हुए रदरफोर्ड ने इलेक्ट्रॉन से उलट धनात्मक विद्युत आवेश वाले प्रोटॉन की खोज की। जो कि परमाणु में नियमितता बनाकर रखते थे।
37. न्यूट्रॉन की खोज:
किसने की: जेम्स चैडविक ने
कब की: 1932 में
# रदरफोर्ड के साथ मिलकर रेडियोधर्मी क्रियाओं में साथ निभाने वाले चैडविक ने परमाणु की खोज को आगे बढ़ाते हुए न्यूट्रॉन की खोज की तथा परमाणु  की आंतरिक संरचना को और अधिक गहनता से पढ़े जाने हेतु अपनी खोज जारी रखी।
38. हाइड्रोजन की खोज:
किसने की: हेनरी कैवेंडिश ने
कब की:1766 में
# हवा से भी हल्की हाइड्रोजन गैस की खोज वर्ष 1766 में हेनरी ने की थी। इस गैस का कोई रंग नहीं होता परन्तु यह आग के चपेट में आते ही धमाके के साथ जल उठती है। पानी में दो तत्व ऑक्सीजन तथा एक तत्व हाइड्रोजन का होता है। वही यदि बात की जाए वायु में हाइड्रोजन  के प्रतिशत की तो वायु में हाइड्रोजन की मात्रा अल्प है जो कि मात्र .0001% के बराबर है। इस कारण इसका हवा में प्रतिशत न के बराबर माना जाता है। वहीं यदि बात सूर्य की की जाए तो सूर्य 70% हाइड्रोजन से बना है।
39. हीलियम की खोज:
किसने की: जूल्स जैनसन ने
कब की: 18 अगस्त 1868 को
# हीलियम एक रंगहीन गैस है परंतु यदि इसे विद्युत प्रभाव क्षेत्र में रखा जाए तो यह लाल व नारंगी रंग में चमकने लगती है। हीलियम एक विषहीन गैस है और यदि इसे शरीर में सोख दिया जाए तो यह कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती। सूरज का 28% भाग हीलियम से बना है तथा सर्वप्रथम हीलियम को सूरज से आने वाली किरणों में ही खोजा गया था।
40. इंसुलिन की खोज:
किसने की: फ्रेडरिक बैंटिंग तथा चार्ल्स एच. बेस्ट ने
कब की: 1921 में
# चिकित्सा क्षेत्र में कार्य कर रहे फ्रेडरिक तथा चार्ल्स ने मिलकर इंसुलिन की खोज की थी। इसका सर्वप्रथम प्रयोग कुत्ता पर किया गया था। फ्रेडरिक और चार्ल्स ने टीके में इंसुलिन भरकर कुतों पर प्रयोग किया तो पाया कि इंसुलिन ने कुत्तों के खून में शर्करा की मात्रा को सामान्य कर दिया है। यह देखकर इंसुलिन को मनुष्य के लिए उपयोगी माना गया तथा इसे मनुष्यों के अनुसार ढालना शुरू किया गया। आज इंसुलिन मधुमेह के रोगियों के लिए संजीवनी की तरह काम करता है।

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