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संविधान संशोधन से जुड़े सामान्य ज्ञान प्रश्न GK Question about Constitutional Amendment in Hindi

भारत के संविधान में अब तक कुल 101 संशोधन हो चुके हैं। सबसे अंत में जीएसटी का वह कानून लाया गया जिसने पूरे देश की कर व्यवस्था (टैक्स सिस्टम) को नया रूप दिया। संशोधन देश में चल रहे किसी नियम में बदलाव करने या कोई नया कानून लाने के लिए होता है चाहे वो नए राज्य का निर्माण हो चाहे किसी पद की शक्तियों में इजाफा करना या फिर कोई भी ऐसा बदलाव जो देश को आने वाले भविष्य में प्रभावित करता हो। संविधान संशोधन का अर्थ होता है संविधान में बदलाव।

संविधान में अब तक कुल कितने संशोधन किए जा चुके हैं?
101 संशोधन (याद रखने योग्य है कि संशोधन के लिए भेजे गए विधेयकों की सँख्या संशोधनों से अधिक रहती है क्योंकि इनमें से कुछ निरस्त हो जाते हैं तथा कुछ पारित होने की प्रतीक्षा में रहते हैं)

संविधान में संशोधन करवाने हेतु किए गए आवेदन को क्या कहा जाता है?
प्रस्ताव (बिल) या विधेयक

संविधान में संशोधन के लिए किसकी सहमति की आवश्यकता होती है?
दो तिहाई सांसदों का बहुमत या भारत के कुल राज्यों में से कम से कम आधे राज्यों की स्वीकृति। इसके बाद ही संविधान में संशोधन किया जा सकता है।

संविधान में संशोधन की अधिकतम सीमा क्या निर्धारित की गई है?
संविधान में किसी भी प्रकार का संशोधन किया जा सकता है जो नियम के अनुसार हो तथा सरकार व विपक्ष दल द्वारा उपरोक्त दी गई स्वीकृतियां प्राप्त कर चुका हो परन्तु यदि कोई संशोधन संविधान के मूल में परिवर्तन चाहता हो तो यह निरस्त समझा जाता है। संशोधन की धारा संशोधन प्रक्रिया को संविधान का मूल बदलने की अनुमति नही देती तथा यह किसी भी स्थिति में संशोधन द्वारा नही बदला जा सकता।

संविधान के किस अनुच्छेद में संशोधन सबंधी नियमों का उल्लेख है?
अनुच्छेद 368 में। यह अनुच्छेद पूर्णतः संविधान संशोधन के बारे में है।

संविधान में पहला संशोधन कब हुआ था?
18 जून 1951 को

संविधान लागू होने के एक वर्ष बाद ही संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
भारत का लिखित संविधान वर्ष 1950 में लागू कर व्यवहारिक बनाया गया था। एक वर्ष के समय में जो भी व्यवहारिक चुनौतियां इसमें महसूस की गई उन्हें दूर करने के उद्देश्य से पहला संशोधन किया गया जिसमें मुख्यतः मौलिक अधिकार, भाषण तथा न्याय से सबंधित व्यवहारिक बदलाव किए गए।

आज तक संविधान में किस वर्ष सबसे अधिक संशोधन किए गए है?
वर्ष 2003 में। इस वह छः संशोधन किए गए थे।

कौन से क्रम के छः संशोधन वर्ष 2003 में किए गए थे?
87 वें से लेकर 92 वें संशोधन तक।

भारतीय संविधान में किस संशोधन द्वारा भारत-बांग्लादेश भूमि की अदला बदली की गई थी?
100 वें संशोधन द्वारा (वर्ष 2015 में हुए इस संशोधन के जरिए भारत तथा बांग्लादेश के मध्य सीमा विवाद का निवारण किया गया। 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के साथ ही कुछ सीमा विवाद भारत व बांग्लादेश के मध्य जन्में थे इन्हे समाप्त करते हुए वर्ष 2015 में दोनों देशों के बीच 1000 एकड़ जमीन की अदला बदली हुई।

संविधान के किस संशोधन द्वारा मैथिली भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा सूची में जोड़ा गया था?
92 वें संशोधन द्वारा। यह संशोधन वर्ष 2003 में किया गया था इसके द्वारा भारत की 18 आधिकारिक भाषाओं में चार भाषाएँ मैथिली, डोंगरी, बोड़ो तथा संथाली को आठवीं अनुसूची में जोड़ा गया था। जिसके बाद भारत की आधिकारिक भाषाओं की सँख्या 22 हो गई।

संविधान के किस संशोधन द्वारा मतदान किए जाने की उम्र 21 से घटाकर 18 की गई थी?
61 वें संशोधन द्वारा। यह संशोधन वर्ष 1989 में किया गया था। इस वर्ष देश के उन युवाओं को भी वोट करने के अधिकार मिल गया जिनकी सँख्या सरकार चुनाव में अहम भूमिका निभा सकती थी। भारत सरकार ने माना की 18 वर्ष की आयु में युवा इतना विवेक हासिल कर लेते हैं कि वे अपने लिए उचित सरकार का चुनाव कर सके।

संविधान के किस संशोधन के अंतर्गत सरकार द्वारा लोकहित में नियमानुसार किए गए व्यक्तिगत जमीन अधिग्रहण के मामले में न्यायालय में सुनवाई की भूमिका समाप्त कर दी गई?
चौथे संशोधन (1955) के अंतर्गत।

किस संविधान संशोधन द्वारा भारत के राष्ट्रपति को यह अधिकार मिला कि वे संविधान का प्रमाणित हिंदी संस्करण प्रकाशित कर सके?
58 वें संशोधन द्वारा। यह संशोधन वर्ष 1987 में किया गया था।

मिजोरम तथा अरुणाचल प्रदेश की स्थापना का सबंध किस संशोधन से है?
27 वें संशोधन से। यह संशोधन वर्ष 1971 में किया गया था। ध्यान देने योग्य है कि यह वही वर्ष था जब बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद करवाने में भारत की अहम भूमिका रही थी। स्थापना के समय  दोनों राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। इसके पश्चात 53 वें संशोधन (1986) के जरिए मिजोरम को तथा 55 वें संशोधन (1986) के जरिए अरुणाचल प्रदेश को राज्य बनाया गया।

किस संशोधन के द्वारा लोकसभा के सदस्यों की सँख्या बढ़ाकर 545 की गई?
31 वें संशोधन द्वारा यह संशोधन वर्ष 1973 में किया गया था। उस समय लोकसभा की कुल सीटें 525 होती थी जिसमें 500 प्रतिनिधि राज्यों का तथा 25 प्रतिनिधि केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते थे। वर्ष 1973 में यह सँख्या बढ़ाकर 545 तथा केंद्र शासित प्रदेशों से चुन कर आए प्रतिनिधियों की सँख्या 25 से घटाकर 20 कर दी गई। इस संशोधन से लेकर वर्तमान तक लोकसभा के कुल सदस्यों की सँख्या 545 ही है जिसमें आंग्ल भारतीय समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए राष्ट्रपति 2 अन्य सदस्य नियुक्त कर सकता है। इस प्रकार लोकसभा के कुल सदस्यों की सँख्या 545+2 होती है। आंग्ल भारतीय को एंग्लो इंडियन के नाम से बेहतर जाना जाता है ये वे भारतीय नागरिक हैं जिनके माता-पिता में से कोई एक यूरोपियन है तथा ये लोग 1947 में देश से अंग्रेजों के जाने के बाद यहीं बस गए हैं। आजादी के समय इनकी सँख्या 30 हजार थी।

उच्च न्यायलय के न्यायाधीश किस उम्र में अपने पद से सेवानिवृत्त (सेवा से मुक्त) होंगे इस सबंध में उम्र सीमा निर्धारण किस संशोधन द्वारा किया गया है?
15 वें संशोधन द्वारा जो कि वर्ष 1963 में किया गया था। इसके द्वारा उच्च न्यायालय के न्यायधीशों की सेवामुक्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई जो इससे पूर्व 60 वर्ष थी।

किस संशोधन के अंतर्गत न्यायलयों को यह अधिकार मिला कि वे चुनाव से सबंधित मामलों की सुनवाई कर सकें?
19 वें संशोधन के अंतर्गत जो कि वर्ष 1966 में किया गया था। इसके बाद चुनावों से सबंधित मामलों को न्यायालय में चुनौती दी जा सकती थी। इसी संशोधन के अंतर्गत चुनाव आयोग को भी कुछ मुख्य अधिकार दिए गए थे।

संविधान संशोधन से सबंधित शब्द परिसीमन का क्या अर्थ होता है?
परिसीमन का अर्थ होता है सीमाओं का निर्धारण करना। किसी भी सीमा निर्धारण की बात करते समय संवैधानिक भाषा में परिसीमन शब्द का प्रयोग किया जाता है।

किस संशोधन द्वारा सिक्किम का सरंक्षित राज्य का दर्जा समाप्त कर इसे साधारण राज्य बनाया गया?
35 वें सशोधन द्वारा जो कि वर्ष 1974 में किया गया था इसमें सिक्किम का सरंक्षित राज्य का दर्जा समाप्त किया गया। इससे पूर्व भारत सिक्किम की बाहरी शक्तियों से रक्षा कर रहा था परन्तु इस राज्य की कोई भूमिका भारतीय संसद में नहीं थी। इसके बाद भारत ने सिक्किम पर पूर्ण नियंत्रण किया व 36 वां संशोधन कर इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। फलस्वरूप वर्ष 1976 में सिक्किम भारत का 22 वां राज्य बना।

किस संशोधन द्वारा सिंधी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया तथा इसे मिलाकर उस समय भारत की कुल कितनी आधिकारिक भाषाएँ हो गई थी?
21 वें संशोधन द्वारा सिंधी भाषा को भारत की आधिकारिक भाषाओं की सूची में डाला गया। गुजरात के कच्छ में मूल रूप से बोली जाने वाली इस भाषा को मिलाकर आठवीं अनुसूची (जो कि भारत की भाषाओं की सूची है) में सूचीबद्ध किया गया। उस समय तक इस सूची में कुल पंद्रह भाषाओं ने जगह बना ली थी।

शपथ लेते हुए बोली जाने वाली पंक्ति "मैं भारत की स्वतंत्रता एंव अखंडता को बनाए रखूँगा/रखूँगी" को शपथ ग्रहण प्रक्रिया में जोड़ने हेतु कौन सा संशोधन किया गया था?
वर्ष 1963 में किए गए 16 वें संशोधन द्वारा यह पंक्ति शपथ ग्रहण प्रक्रिया में जोड़ी गई थी। इस संशोधन के अंतर्गत सरकार को यह हक भी मिले कि वह भारत की अखंडता (जिसका खंडन न हो सके या जिसे तोड़ा न जा सके) तथा सम्प्रभुता (सम्पूर्ण भाग पर नियंत्रण) को बनाए रखने के लिए नागरिकों के कुछ मूल अधिकारों पर प्रतिबंध लगा सके। जिसका उद्देश्य भारत की अखंडता को सबसे ऊपर रखना था।

गोवा को पुर्तगालियों के 450 साल पुराने राज से आजाद करवाकर भारत में मिलाने के पश्चात किस संशोधन द्वारा भारत में इसका विलय किया गया था?
12 वें संशोधन द्वारा वर्ष 1962 में यह संशोधन किया गया था। गोवा के साथ साथ दमन एंव दीव को भी हमला कर पुर्तगालियों से आजाद करवा लिया गया था तथा बिना देरी के 12 वां संशोधन कर इन दोनों क्षेत्रों को भारत के केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया। ध्यान देने योग्य है कि इन दोनों क्षेत्रों को 19 दिसंबर 1961 को आजाद करवाया गया था तथा उस समय गोवा को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था जिसे बाद में 1987 में 56 वां संशोधन कर राज्य का दर्जा दिया गया और आज हम गोवा को एक राज्य के रूप में जानते हैं।

संविधान के किस संशोधन द्वारा ओडिशा की उड़िया भाषा का नाम बदलकर ओड़िया किया गया?
96 वें संशोधन द्वारा वर्ष 2011 में यह संशोधन किया गया क्योंकि उड़िया का नाम अंग्रेजी भाषा के प्रभाव से बना था तथा क्षेत्रिय भाषा के अनुसार यह गलत उच्चारण था।

बिहार में जनजाति कल्याण मंत्री रखे जाने की अनिवार्यता को किस संशोधन द्वारा समाप्त किया गया तथा जनजाति कल्याण मंत्री रखे जाने की यह अनिवार्यता किन राज्यों पर लागू की गई।
वर्ष 2006 में किए गए संविधान के 94 वें संशोधन द्वारा बिहार को जनजाति कल्याण मंत्री के पद को समाप्त करने की छूट दी गई व इस अनिवार्यता को नए बने राज्यों झारखंड तथा छत्तीसगढ़ पर लागू किया गया।

अभी लोकसभा व राज्य सभा की सीटों को 2026 तक बढ़ाया या घटाया नही जा सकता इस सीमा को तय करने के लिए कौन सा संशोधन किया गया था।
संविधान में 84 वां संशोधन कर वर्ष 2001 में यह तय किया गया कि आने वाले 25 वर्षों तक लोकसभा व राज्यसभा का यही रूप रहेगा तथा इसके सदस्यों की सँख्या घटाई या बढ़ाई नही जाएगी। यह इसलिए किया गया क्योंकि जनसँख्या वृद्धि के कारण इस बात की माँग उठती रहती है कि संसद में सदस्य बढ़ाए जाएँ इस कारण 2026 तक इस पर रोक लगा दी गई है।

संविधान के किस संशोधन ने सरकार को यह अधिकार दिया कि वह भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन अर्थात राज्यों को दोबारा से बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर सके?
वर्ष 1956 में किए गए 7 वें संशोधन ने भरतीय सरकार को राज्यों का पुनर्गठन करने की शक्ति दी। इसके अंतर्गत 1 नवंबर 1956 को आंध्रप्रदेश पहला भाषा आधारित राज्य घोषित हुआ।

संविधान के किस संशोधन द्वारा बोरूबारी का क्षेत्र पाकिस्तान को दे दिया गया जो 1947 के बाद भारत के नियंत्रण में था?
वर्ष 1960 में हुए 9 वें संशोधन द्वारा भारत का बोरूबारी हिस्सा पाकिस्तान को दे दिया गया जो कि 1958 में हुए भारत-पाक समझौते में तय हुआ था। क्योंकि कोई क्षेत्र जोड़े जाने या छोड़े जाने से देश का नक्शा परिवर्तित होता है इसलिए इस प्रकार किसी भी क्षेत्र चाहे वह छोटा हो या बड़ा यदि वह देश मे जुड़ रहा है या देश से कट रहा है तो इसके लिए संविधान संशोधन आवश्यक है इसी कारण से 9 वां संशोधन किया गया था।

562 रियासतों के राजाओं को दिया जाने वाला राजभत्ता किस संशोधन द्वारा बंद किया गया?
वर्ष 1971 में किए गए 26 वें संशोधन द्वारा यह राजभत्ता बंद कर दिया गया। यह राजभत्ता उन सभी 562 रियासतों के राजाओं को दिया जाना तय हुआ था जिन्होंने भारत की आजादी के पश्चात अपनी राज शक्तियाँ भारत सरकार के हाथों में सौंपी थी। राजभत्ते के इस प्रवधान की एवज में ही इन रियासतों का विलय भारत में हुआ था। संविधान लागू होने के 21 वर्ष तक इन राजाओं को राजभत्ते के साथ-साथ विशेष उपाधियाँ दी गई थी जिसका खर्च भारतीय खजाने पर पड़ता था। 1971 में ये सभी सुविधाएं बंद कर दी गई तथा ये भूतपूर्व राजा व इनके परिवार सामान्य नागरिकों की श्रेणी में आ गए।

लोकसभा व राज्यसभा का अवधिकाल किस संशोधन के जरिए पाँच से बढ़कर छः वर्ष किया गया था?
वर्ष 1976 में आपातकाल की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए संविधान में कुछ बदलाव किए गए थे जिसके चलते 42 वें संशोधन में लोकसभा व विधानसभा के 5 वर्ष तक चलने वाले कार्यकाल को एक वर्ष बढ़ाकर छः वर्ष कर दिया गया तथा 2 वर्ष बाद 44 वां संशोधन कर इस फैसले वापिस लिया गया तथा इन सभाओं का कार्यकाल पुनः 5 वर्ष किया गया जो अभी तक लागू है।

अनुसूचित जनजातियों के लिए अलग से राष्ट्रीय आयोग की स्थापना किए जाने के लिए कब तथा कौन सा संशोधन किया गया?
28 वां संशोधन जो कि वर्ष 2003 में किया गया था।

किस संशोधन द्वारा संसद को यह अधिकार मिला कि वह न्यायाधीशों का वेतन बढ़ा सके?
वर्ष 1986 में किए गए 54 वें संशोधन द्वारा यह अधिकार संसद को दिया गया। इससे पूर्व संसद न्यायधीशों के वेतन से सबंधित फैसले लेने में असमर्थ थी।

नागा लोग अपने विकास के लिए केंद्र सरकार ने सीधा जुड़ना चाहते थे जिसके चलते उन्होंने असम से अलग अपने नागालैंड राज्य की माँग की जिससे उनका विकास जल्दी हो सके तो बताइए किस संशोधन के अंतर्गत नागालैंड को असम से अलग कर पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था?
वर्ष 1962 में किए गए 13 वें संशोधन के अंतर्गत।

किस संशोधन के अंतर्गत केंद्र शासित प्रदेशों में विधानपालिका व मंत्रिपरिषद की स्थापना की गई तथा पुड्डुचेरी को भारत के नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में भारत में जोड़ा गया?
1963 में किए गए 14 वें संशोधन द्वारा।

किस संशोधन के तहत हरियाणा जो कि पंजाब के सीमा क्षेत्र में आने वाला हिंदी भाषी क्षेत्र था को भाषा के आधार पर पंजाब से अलग किया गया?
18 वें संशोधन द्वारा जो कि वर्ष 1966 में किया गया था। इसके अंतर्गत हरियाणा को पंजाब से अलग कर पूर्ण राज्य बनाया गया तथा 1 नवंबर 1966 को इसकी स्थापना हुई। इसी के साथ केंद्र शासित प्रदेश तथा हरियाणा पंजाब की सयुंक्त राजधानी चंडीगढ़ को भी स्थापित किया गया व पंजाब के अंतर्गत आने वाला पहाड़ी क्षेत्रों को हिमाचल प्रदेश का हिस्सा बना दिया गया। उस समय हिमाचल एक केंद्र शासित प्रदेश हुआ करता था जिसे बाद में 25 जनवरी 1971 को राज्य का दर्जा दिया गया।

मेघालय राज्य का निर्माण किस संशोधन का हिस्सा है तथा मेघालय किससे अलग कर बनाया गया है?
22 वें संशोधन का। जो कि वर्ष 1969 में किया गया था। मेघालय का निर्माण असम के कुछ क्षेत्रों को अलग कर किया गया था।

संविधान में संशोधन की प्रक्रिया क्या है?
संविधान में संशोधन की प्रक्रिया अलग-अलग विषयों पर अलग-अलग होती है यह विषय पर निर्भर होता है कि संशोधन किस प्रक्रिया के तहत जाएगा। संविधान में संशोधन मुख्यतः तीन तरीकों से होता है: पहला संसद के साधारण बहुमत द्वारा जिसमें संसद के 50 प्रतिशत सदस्यों का बहुमत चाहिए होता है। दूसरा संसद के दो तिहाई सदस्यों के बहुमत द्वारा तथा तीसरा राज्यों के विधानमंडलों के बहुमत द्वारा इसमें भारत के कुल राज्यों में से कम से कम आधे राज्यों की विधानमंडलो का बहुमत होना आवश्यक होता है। संविधान के अधिकतर संशोधन दूसरी प्रक्रिया द्वारा किए जाते हैं जिसमें दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता पड़ती है।

प्रस्ताव किसे कहते हैं?
प्रस्ताव संशोधन करवाए जाने के लिए दिए गए आवेदन को कहा जाता है जिसे बिल के रूप में संसद में पेश किया जाता है। प्रस्ताव वो दस्तावेज है जिस पर माँगे जा रहे संशोधन से जुड़ा ब्यौरा होता है। इसी प्रस्ताव में लिखी गई माँगो के आधार पर संशोधन किया जाता है। परन्तु शर्त ये है कि यह प्रस्ताव इसके प्रकार के अनुरूप उपरोक्त तीन में से किसी एक प्रक्रिया से बहुमत प्राप्त करता है।

कुछ अन्य बातें जो आपको पता होनी चाहिए:

1. संविधान में 1990 से पूर्व ज्यादातर संशोधन सिर्फ इस कारण हुए क्योंकि भारत का भू-क्षेत्र बहुत तेजी से बार-बार बदल रहा था। जिसमें तेजी से बहुत से क्षेत्र भारत से जुड़ रहे थे तथा नए राज्यों का सृजन हो रहा था इसके चलते बार बार संशोधन करने पड़े।

2. संविधान बनने से अब तक कुल संशोधनों को देखा जाए तो औसतन दो वर्षों में तीन संशोधन हुए हैं।

3. भारत सरकार द्वारा वर्ष 1983 में संशोधन कर 498 ए धारा स्थापित की गई थी जिसका आज तक सबसे ज्यादा गलत प्रयोग हुआ माना गया है यह धारा दहेज प्रताड़ना से जुड़ी है तथा पिछले दशक से इसमें पुनः संशोधन की माँग उठ रही है परन्तु इसे हटाया भी नही जा सकता क्योंकि इसका दोनों तरफ ही विपरीत प्रभाव पड़ता है इसलिए यह मामला संशोधनों में एक पेंच की तरह फसा है।

4. संविधान देशवासियों के लिए पत्थर पर खींची गई लकीर के समान है इसमें लिखा गया एक भी अक्षर इधर से उधर नही किया जा सकता जब तक इस बदलाव को पूर्ण बहुमत और राष्ट्रपति की स्वीकृति न मिले। फिर चाहे वह उड़िया भाषा में जरा सा अंतर के ओड़िया लिखना हो या अखंडता जैसा शब्द संविधान में जोड़ना हो छोटे से छोटे बदलाव को भी पूर्ण प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा और यदि किसी माँग बहुमत नही मिलता तो चाहे वह नैतिक तौर पर कितनी ही गलत क्यों न लगे इसे बदला नही जा सकता (हालांकि संविधान में देश के सच्चे नागरिकों के लिए कुछ भी अनैतिक नही है)

5. वर्ष 1975 में राजनीतिक पार्टियां सदस्यों की दल-बदलो नीति से इतना परेशान हो चुकी थी कि पक्ष-विपक्ष ने मिलकर एक संशोधन बहुमत से पास किया कि एक पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने वाला कोई सदस्य यदि जीत के बाद दल बदली करता है तो उसे संसद में अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। इसकी एवज में 52 वां संशोधन किया गया था।

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