सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

ATM Full Form in Hindi एटीएम का पूरा नाम

दोस्तों यदि आपका किसी बैंक में अकाउंट है तो कभी न कभी आप का ATM से वास्ता पड़ा ही होगा और आपने अवश्य ही ATM कार्ड का प्रयोग कर ATM मशीन से कैश निकलवाया होगा। कैश अर्थात नगदी बैंकों से निकालने के बजाय आज लोग ATM से निकालना ज्यादा सरल समझते हैं लेकिन शायद बहुत ही कम लोगों को पता है कि ATM की फुल फॉर्म क्या है और यह किसने इज़ाद किया था। दुनिया का पहला एटीएम कब और कहाँ लगाया गया और इसका पूरा इतिहास क्या है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि ATM की फुल फॉर्म क्या है और इसका पूरा सफर कहां से शुरू हुआ और आज दुनिया में कुल कितने ATM हैं आपसे अनुरोध है की पूर्ण जानकारी के लिए पेज को अंत तक पढ़े:

ATM की फुल फॉर्म होती है Auromatic Teller Machine (ऑटोमेटिक टेलर मशीन) जिसे हिंदी में स्वचालित मुद्रा वितरण यंत्र कहा जाता है अर्थात वह यंत्र या वह मशीन जिसे मुद्रा निकासी के लिए प्रयोग किया जाता है यानी कि पैसा निकालने के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है उसे ATM कहा जाता है। इसे स्वचालित इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने आप कार्य करता है टेलर यानि कि यह अपने आप पैसे गिनता है और मशीन का मतलब होता है यंत्र। लेकिन ऐसा नहीं है कि ATM को हर जगह इसी नाम से जाना जाता है कई देशों में जैसे कि कनाडा में ATM को ABM कहा जाता है जिसका मतलब होता है ऑटोमेटिक बैंकिंग मशीन और यहां बैंकिंग शब्द से तात्पर्य है "पैसों का लेनदेन" तो इसी प्रकार स्थानों और देशों के साथ-साथ ATM के अलग-अलग नाम मिलते हुए हैं उदाहरण के तौर पर कई देशों में इसे कैश पॉइंट कहा जाता है और कई देशों में इसे Hole in the Wall (होल इन द वॉल) भी कहा जाता है। होल इन द वॉल का मतलब होता है दीवार में छेद होना क्योंकि आपने देखा होगा कि कहीं-कहीं दीवार में छोटा सा छेद करके ATM की मशीन की जो स्क्रीन है वो निकली हुई होती है जहाँ से पैसे निकाले जा सकते हैं। दीवार में छेद कर एटीएम लगाए जाने से क्या होता है कि मशीन की थोड़ी सेफ्टी हो जाती है।

ATM का लेखा जोखा: विश्व भर में जहां जहां एटीएम लगे हैं या जितने देशों में भी ATM स्थापित किए जा चुके हैं उन सबके लिए संयुक्त रुप से एक संस्था बनाई गई है जिसका नाम है ATMIA जिस की फुल फॉर्म होती है ATM इंडस्ट्री एसोसिएशन। इस एसोसिएशन का मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में है तथा इसकी स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। इस संस्था को स्थापित किए मुख्य कारण यही है कि पूरे विश्व में जहां-जहां भी ATM है उनमें यदि कोई प्रॉब्लम आती है या कोई टेक्निकल इश्यू (तकनीकी खराबी) है तो उसका रिव्यू करके व देख परख कर डेवलप करती है यह संस्था पूरे विश्व भर में लगे एटीएम का लेखा जोखा रखती है। ATMIA के अनुसार पूरे विश्व में इस समय 35 लाख से ज्यादा ATM है। आपको शायद यह सँख्या थोड़ी कम लगे लेकिन दुनिया में कुल 195 देश है और 195 देशों में 35 लाख एटीएम एक बहुत ही बड़ी मात्रा हो जाती है और आने वाले समय में इनकी संख्या और बढ़ेगी। इन एटीएम को समय के साथ-साथ विकसित किया जा रहा है जिससे पैसे निकलवाने के साथ-साथ पैसे जमा करवाने के लिए कीओस्क और पासबुक पर लेन-देन का प्रिंट छपवाने के लिए अलग से मशीने लगाई जा रही हैं इसलिए आने वाले समय में बैंकिंग सिस्टम बहुत हद तक पेपरलेस हो जाएगा।

सबसे पहला ATM और इसके अविष्कारक: एटीएम के अविष्कार का श्रेय लूथर जॉर्ज सिमियल को दिया जाता है। जिनके प्रयासों से वर्ष 1961 में सिटी बैंक को न्यूयॉर्क में दुनिया का सबसे पहला ATM लगाया गया उस समय ATM को बैंकोंग्राफ नाम से जाना जाता था लेकिन उस समय ग्राहक फॉर्म भरकर या सीधा बैंक में जाकर लेन देन करना ज्यादा सरल व सुरक्षित समझते थे जिस कारण एटीएम प्रणाली को कोई विशेष प्रसिद्धि न मिल सकी। फलस्वरुप सिटी बैंक ऑफ न्यूयॉर्क में लगाया गया ATM मात्र 6 महीने बाद हटा लिया गया तथा मान लिया गया कि बैंकिंग सेक्टर में ATM मशीन लाभकारी नहीं है। लेकिन यह भ्रम उस वक्त दूर हो गया जब वर्ष 1966 में जापान में एक ATM लगाया गया जिसके चलते बैंकों को बहुत लाभ हुआ हुआ। क्योंकि एटीएम लगाने से जो बैंक के कर्मचारी थे उनके पास खाली समय रहने लगा जिसके कारण वह अन्य कामों पर ध्यान दे पाते थे तथा बैंकों में लगने वाली भीड़ में भारी कमी देखी गई। इसे देखते हुए जापान के अन्य बैंको में भी एटीएम लगाए गए तथा वहीं से धीरे-धीरे यह सेवा अन्य देशों के लोगों को भी भाने लगी। इस प्रकार लगभग शुरू से ही विकसित देशों में एटीएम का विकास लगभग समान रूप से चला।

सुरक्षा: एटीएम की सुरक्षा के लिए ग्राहक को ATM कार्ड के साथ एटीएम पिन दिया जाता है जोकि गोपनीय होता है यानी कि आपको वह पिन किसी से भी शेयर नहीं करना होता वह आपका अपना होता है। जिसका प्रयोग कर आप अपने कार्ड से कभी भी और कहीं भी किसी भी ATM में जाकर पैसे निकलवा सकते हैं लेकिन अगर आपके पास पिन नहीं है तो चाहे आपके पास आपका ATM हो और ATM में कितने भी पैसे हों आप उन्हें नहीं निकलवा सकते। इस प्रकार यह एक सिक्योरिटी फीचर्स है जो कि 4 अंको का पिन होता है। अधिक सुरक्षा हेतु गलत पिन प्रयोग करने पर सीमितता लगाई गई है। जिसके चलते यदि तीन बार गलत ATM पिन भर दिया जाता है तो आपका एटीएम कार्ड ब्लॉक हो जाता है। फिल्हाल एटीएम की सुरक्षा पिन के जरिए होती है लेकिन इसे धीरे-धीरे फिंगरप्रिंट जैसी टेक्नोलॉजी में बदला जा रहा है जिससे एटीएम पिन की बजाए पैसे निकलवाने के लिए आपके फिंगरप्रिंट की आवश्यकता पड़ेगी। ताकि सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट