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बिना दिशा सूचक के दिशा का पता कैसे लगाएँ

क्या आपने कभी ऐसी स्थिति की कल्पना की है कि आपको यही ना पता कि आप किस दिशा में हैं? मान लीजिए आप किसी जंगल में है या फिर किसी ऐसी अनजान जगह पर हैं जहां से दिशा ढूंढ पाना आपके लिए नामुमकिन हो रहा हो और आपके पास कोई ऐसा यंत्र या दिशासूचक ना हो जिससे आप दिशा का बोध कर सकें। तो ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? आपको बता दें कि मनुष्य बिना किसी यंत्र की सहायता के आसानी से चारों दिशाओं का पता लगा सकता है बशर्ते सिर्फ उसे सूरज दिखाई देना चाहिए और संभवता पृथ्वी का कोई स्थान ऐसा नहीं होगा जहां पर सूर्य न पहुँच पाता हो। परिस्थिति को आसान बनाने के लिए हम कल्पना करते हैं कि जिस स्थान पर आप खड़े हों और जिस स्थान से आपको दिशा का पता लगाना है वह भारत में है। तो अब आप कैसे पता लगाएंगे कि कौन सी दिशा किस तरफ है। आप भारत में किसी अनजान जगह पर हैं और आप को दिशा भटक चुके हैं और आपके पास कोई ऐसा यंत्र नहीं है जिससे दिशा का ज्ञान आप कर सकें तो ऐसी परिस्थिति के लिए आपको पहले से एक सामान्य से ज्ञान का पता होना चाहिए जो कि इस पोस्ट में आपको दिया गया है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े।

दिशा के ज्ञान रखने के लिए आपको एक बात का पता होना चाहिए जो कि आपको पता भी है कि सर्वमान्य सत्य है सूरज सदैव पूर्व दिशा से निकलता है और सूरज के निकलने की दिशा का बोध आप किसी भी स्थान पर खड़े होकर कर सकते हैं यदि आप जंगल में भी है तब भी आप सूरज को देख सकते हैं कि वह किस दिशा से निकला है अब यहीं से आपको सभी दिशाओं का ज्ञान हो जाएगा। सूरज जहां से उगना शुरू होता है आप उस तरफ मुंह करके खड़े हो जाइए वह दिशा पूर्व है अब इसी हिसाब से आपके बिल्कुल पीछे पश्चिम दिशा होगी यह तो बहुत सामान्य सी बात है लेकिन जो मुख्य प्रश्न यहाँ पर आता है वह है कि हम उत्तर-दक्षिण दिशा को कैसे खोजें? देखिए सूरज की दिशा पूर्व हैं और हमारे बिल्कुल पीछे पश्चिम दिशा होगी लेकिन अब उत्तर और दक्षिण दिशा का पता कैसे लगाएं? तो इसके लिए आपको छोटी सी ट्रिक अपनानी होगी। और याद रखना होगा कि सूर्य के उगने वाली दिशा में यानी कि पूर्व में खड़े होने पर आपके पीछे पश्चिम दिशा होगी और आपके बाएं हाथ की तरफ उत्तर दिशा और दाएं हाथ की तरफ दक्षिण दिशा। अब आप कभी कभी इस बात को भूल सकते हो कि किस हाथ की तरफ उत्तर दिशा है और किस हाथ की तरफ दक्षिण दिशा तो इसे याद रखने के लिए आप अपनी लिखने की क्षमता का प्रयोग करेंगे। ज्यादातर लोग दाहिने हाथ से लिखते हैं इसलिए आप अपने दाहिने हाथ से बाएं हाथ पर लिखेंगे "उत्तर" ठीक वैसे ही जैसे आप परीक्षाओं में प्रश्नों के उत्तर लिखते हैं। और यहीं से आपको याद रहेगा कि आपके बायीं तरफ उत्तर दिशा है। यदि आप को दायां और बायां समझ नहीं आता है तो आपको बता दें कि दाया हाथ "राइट हैंड" को कहा जाता है और बाया हाथ "लेफ्ट हैंड" को कहा जाता है राइट हैंड से अपने लेफ्ट हैंड से लिखेंगे "उत्तर" इसका सीधा सा अर्थ आपको याद करवाना है कि आपके बाएं हाथ की तरफ उत्तर दिशा है।

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