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BSF Full Form in Hindi बी. एस. एफ. का पूरा नाम क्या है

भारत एक बहुत बड़ा देश है और इसका 15,106 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है जिसमें से लगभग आधा समंदर के साथ बनता है तथा आधे से ज्यादा भूमि के साथ। इस बॉर्डर पर भारत की रक्षा करने के लिए सदा कोई ना कोई बल तैनात रहता है भारत का 6,385 किलोमीटर लंबा बॉर्डर BSF द्वारा रक्षित किया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि BSF की फुल फॉर्म क्या है और क्या हैं इसके बारे में वो जानकारियां जो सामान्य ज्ञान की दृष्टि से आपको पता होनी चाहिए अगर नही पता तो इस पेज को अंत तक पढ़ें आप BSF के बारे में ज्ञान का एक भंडार लेकर जाएंगे तो चलिए जानते हैं BSF के बारे में वो महत्वपूर्ण जानकारियां जो आपको पता होनी चाहिए।

BSF की फुल फॉर्म होती है Border Security Force इसे हिंदी में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स लिखा जाता है और इसका हिंदी में अर्थ होता है सीमा सुरक्षा बल BSF की फुल फॉर्म जानने के बाद आइए जानते हैं आगे की जानकारी।

BSF क्या है: BSF मूल रूप से भारत का एक अर्धसैनिक बल है जिसका मूल उद्देश्य है भारत की सीमा की रक्षा करना। यह बल हर समय दिन-रात भारत की सीमा पर तैनात रहता है और बाहर से होने वाली किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि का मुंहतोड़ जवाब देता है यह दोनों ही स्थितियों में सीमा पर तैनात रहता है चाहे देश में शांति की स्थिति हो या फिर किसी बाहरी देश से युद्ध की स्थिति। दोनों स्थितियों BSF में सीमा को खुला नहीं छोड़ता और सामान्य स्थितियों में बॉर्डर पर बसे इलाकों में आवश्यकता पड़ने पर आमजनों की सहायता भी करता है व बॉर्डर पर दूसरे देशों के साथ होने वाली वार्तालाप में भी अहम भूमिका निभाता है। बहुत ही कम स्थितियों में ऐसा होता है कि BSF आंतरिक मामलों में आवश्यकता पड़ने पर हस्तक्षेप करता है।

BSF की स्थापना क्यों की गई: भारत वर्ष 1947 में आजाद हो चुका था लेकिन BSF की स्थापना 1 दिसंबर 1965 को की गई अब यहाँ पर प्रश्न यह उठता है कि यह स्थापना इतनी देर बाद क्यों की गई। दरअसल बात वर्ष 1962 से शुरू होती है जब चीन ने भारत पर हमला कर दिया था तथा उसके बाद पाकिस्तान की तरफ से वर्ष 1965 में सरदार पोस्ट, चाहर बेर और बेरिया बेर पर हमला किया गया उस समय सीमा की सुरक्षा का जिम्मा उन राज्यों की पुलिस के हाथ में था जो राज्य अंतराष्ट्रीय देशों के साथ बॉर्डर बनाते थे परन्तु उन राज्यों की स्टेट आर्म्ड फ़ोर्स सीमा की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हुई फलस्वरूप 1 दिसंबर 1965 को बॉर्डर सुरक्षा के उद्देश्य से BSF की स्थापना की गई।

BSF में कौन कौन से रैंक होते हैं: BSF में हर सरकारी विभाग की तरह दो रैंक श्रेणी हैं पहला है गजेटेड ऑफिसर दूसरा है नॉन-गजेटेड ऑफिसर। आइए इन रैंकों को हम इसी क्रम में समझते हैं:

गजेटेड ऑफिसर:
डायरेक्टर जनरल
स्पेशल डायरेक्टर जनरल
एडिशनल डायरेक्टर जनरल
इंस्पेक्टर जनरल
डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल
कमांडेंट
सेकंड इन कमांड
डिप्टी कमांडेंट
असिस्टेंट कमांडेंट

नॉन गजेटेड ऑफिसर:
सूबेदार मेजर
इंस्पेक्टर
सब इंस्पेक्टर
असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
हेड कांस्टेबल
कांस्टेबल

BSF में नौकरी के लिए योग्यता क्या है: BSF की समय-समय पर भर्ती निकलती है और इसके लिए रैंक के अनुसार योग्यता तय होती है सबसे शुरुआती कांस्टेबल के पदों पर भर्ती होने के लिए न्यूनतम योग्यता 10वीं पास है और आवेदन करते समय आपकी उम्र 18 से 23 वर्ष के मध्य होनी चाहिए जिसमें SC/ST/OBC के तहत आपको अलग से कोटा मिलता है भर्ती से संबंधित जानकारियां BSF समय-समय पर अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रकाशित करता है।

BSF के बारे में अन्य जानकारियां: BSF केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन सेवारत है तथा संविधान में BSF के नियम से संबंधित जानकारियां BSF एक्ट 1972 के तहत वर्णित है इसके अलावा आपको यह भी पता होना चाहिए कि BSF के प्रथम डायरेक्टर जनरल अर्थात महानिदेशक श्री के.ऐफ. रुस्तम थे जिन्होंने वर्ष 1965 से 1974 तक इस पद पर अपनी सेवाएं दी। यदि आपसे कभी प्रश्न पूछा जाए कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति अर्थात "First Line of Defence" किसे कहा जाता है तो आपका उत्तर होगा BSF। क्योंकि BSF ही भारत रक्षा की प्रथम पंक्ति बल है तथा यह सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्स का एकमात्र ऐसा बल है जिसका अपना वायु, नेवी विभाग तथा तोप खाना है इसके साथ ही 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध तथा कारगिल युद्ध में BSF ने अहम भूमिका निभाई थी।

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