गजेटेड ऑफिसर! यह शब्द हमारे सामने बार बार आता है खासकर तब जब हमें कोई डॉक्यूमेंट वेरीफाई करवाना होता है चाहे फिर वह हमारा स्कूल का कोई सर्टिफिकेट हो या फिर पासपोर्ट के लिए हमारे द्वारा दिए जाने वाले दस्तावेज या फिर कोई भी अन्य वेरिफिकेशन। किसी भी डॉक्यूमेंट अर्थात दस्तावेज को सत्यापित कराने हेतु हमे गजेटेड ऑफिसर के हस्ताक्षर की आवश्यकता पड़ती है लेकिन यहाँ प्रश्न हमारे सामने यह आता है कि आखिर गजेटेड ऑफिसर होता क्या है और क्या कोई विद्यार्थी गजेटेड ऑफिसर बन सकता है अगर हाँ तो कैसे? इसी बारे में पूरी जानकारी आज इस पोस्ट में दी गई है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़ें।
गजेटेड ऑफिसर वह सरकारी अधिकारी होता है जिसकी नियुक्ति के आदेश सरकारी गजट में प्रकाशित होते हैं सरकारी गजट को हिंदी में राजपत्र कहा जाता है और जिन सरकारी अधिकारियों के नाम इस गजट में प्रकाशित होता हैं उन्हें गजट के नाम से ही गजेटेड ऑफिसर कहा जाता है और हिंदी में गजट को राजपत्र कहा जाता है इसीलिए गजेटेड ऑफिसर को भी हिंदी में राजपत्रित अधिकारी के नाम से जाना जाता है। और क्योंकि इन सरकारी अधिकारियों का नाम राजपत्र जैसे वरिष्ठ सरकारी दस्तावेज में प्रकाशित हो जाता है इसलिए इनकी वैल्यू बढ़ने के साथ-साथ इन सरकारी अधिकारियों को कुछ अतिरिक्त शक्तियां भी प्राप्त होती हैं दस्तावेजों को सत्यापित करने की शक्ति भी इन्हीं शक्तियों में से एक है।
बात की जाए गजट के प्रकाशन की तो गजट अर्थात् भारत का राजपत्र, शहरी विकास मंत्रालय के प्रकाशन विभाग द्वारा साप्ताहिक रूप से प्रकाशित किया जाता है और अधिकारियों की नियुक्ति तथा ट्रांसफर संबंधी जानकारियां भी इसमें प्रकाशित की जाती है इसका मूल उद्देश्य होता है किसी एक मंत्रालय में हुए बदलावों की जानकारी सभी मंत्रालयों को देना और इसी के साथ ही आपको यह भी पता होना चाहिए कि ई-गजट नाम से भारत का राजपत्र डिजिटल रूप में ऑनलाइन मौजूद है जिसे आप पीडीएफ रूप में डाउनलोड कर सकते हैं। और यदि आप गजेटेड ऑफिसर की वर्तमान सूची सबंधित जानकारी लेना चाहते हैं तो आपको हाल ही में जारी हुए राज पत्र के माध्यम से गजटेड अधिकारियों यह सूची मिल सकती है ध्यान रहे कि गजेटेड ऑफिसर की सूची समय-समय पर बदलती रहती है जैसे हो सकता है किसी पद अधिकारी को गजेटेड ऑफिसर की श्रेणी में रख दिया गया हो जो पहले इस श्रेणी में शामिल नहीं था।
गजेटेड ऑफिसर यदि केंद्र के अधीन कार्यरत है तो प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया/ भारतीय राष्ट्रपति की तरफ से उसे उसे एक स्टाम्प प्राप्त होगी और यदि वह राज्य के अधीन कार्यरत है तो उसे राज्य के राज्यपाल के द्वारा वह स्टाम्प प्रदान की जाएगी। यह स्टाम्प अधिकारी को दस्तावेज सत्यापन करने की शक्ति तो देती ही है साथ में उसका सरकार के एक अभिन्न अंग के रूप में प्रतिनिधित्व भी करती है यानी कि गजेटेड ऑफिसर बनने के बाद यह स्पष्ट रूप से माना जा सकता है कि वह सरकारी अधिकारी सरकार के एक अभिन्न अंग के रूप में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहा है।
बात की जाए कि गजटेड ऑफिसर की श्रेणी में कौन कौन से सरकारी अधिकारी आते हैं तो सभी का नाम तो यहां नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह एक लंबी सूची है पर तुम मोटे तौर पर वे गजेटेड ऑफिसर जिनसे आमतौर पर विद्यार्थियों को दस्तावेज सत्यापन करवाने की आवश्यकता पड़ती है उनमें शासकीय स्कूल के प्राचार्य (प्रिंसिपल) कॉलेज के प्राचार्य, प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, तहसीलदार, सहायक कलेक्टर, कलेक्टर इत्यादि आते हैं इसके अलावा केंद्र या राज्य सरकार के अधीन आने वाले A तथा B श्रेणी के सरकारी अधिकारी भी गजेटेड ऑफिसर की श्रेणी में आते हैं।
यदि आप एक गजेटेड ऑफिसर के रुप में सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं तो आपको PSC, यूपीएससी या एसएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी जिसके अंतर्गत बहुत से ऐसे सरकारी पद होते हैं जहां पर आप नियुक्त होते ही एक गजेटेड ऑफिसर बन जाते हैं जैसे: असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर (CAG) जिसके लिए आपको SSC CGL उत्तीर्ण करना होता है। अब यदि बात एक गजेटेड ऑफिसर की दस्तावेज सत्यापन शक्तियों की की जाए तो विद्यालय संबंधी दस्तावेज, पुलिस रिकॉर्ड संबंधी दस्तावेज, पासपोर्ट से संबंधित दस्तावेज या नागरिकता से सबंधित दस्तावेज (मेजिस्ट्रेट द्वारा) का सत्यापन करने की शक्ति गजेटेड ऑफिसर के पास होती है जो कि अधिकारी के पद के अनुसार अलग-अलग तय होती है ग्रुप A में आने वाले गजेटेड ऑफिसर लगभग सभी तरह के दस्तावेजों का सत्यापन करने हेतु स्वतंत्र होते हैं।
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