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ABG Full Form in Hindi ए.बी.जी. फुल फॉर्म

हमारे शरीर में जो रक्त प्रवाहित हो रहा है वह एक द्रव्य मात्र न होकर अपने अंदर कुछ विशेष गैसों को समाहित किए हुए होता है ताकि वह इन गैसों को आवश्यकतानुसार शरीर के सभी अंगों में सही मात्रा में पहुँचा सके। इसमें मुख्य रूप से जो गैसें होती हैं वे हैं ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड। यह रक्त का ही कार्य है कि वह ऑक्सीजन को शरीर के सभी अंगो तक पहुँचाए और शरीर के सभी अंगों से कार्बन डाइऑक्साइड को वापिस हृदय के रास्ते फेफड़ों तक लेकर आए जिससे कि कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकाला जा सके। इस प्रकार हृदय के रास्ते फेफड़ों से ऑक्सीजन ग्रहण करने और फिर उसे सभी अंगों तक पहुँचाने और फिर कार्बन डाइऑक्साइड वापिस लेकर आने का कार्य रक्त करता है। इसलिए रक्त में ये गैसें मुख्य रूप से समाहित होती हैं। किसी स्वस्थ मनुष्य के रक्त में इन गैसों की एक विशेष मात्रा होती है परन्तु यदि रक्त में स्थित गैस की इन मात्राओं में असंतुलन पाया जाता है तो उस व्यक्ति का स्वस्थ नहीं कहा जाएगा और रक्त में इन गैसों की मात्रा का पता लगाने के लिए ABG विश्लेषण किया जाता है। तो चलिए जानते हैं ABG की फुल फॉर्म क्या होती है और इसके बारे में वह सभी तथ्य जो सामान्य ज्ञान की दृष्टि से आपको पता होने चाहिए।

ABG की फुल फॉर्म होती है Arterial Blood Gases (आरटेरिअल ब्लड गैसेस) इसे हिंदी में "धमनी रक्त गैस" कहा जाता है। जैसा कि इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि एबीजी विश्लेषण में रक्त का सैंपल धमनी (Arterial) से लिया जाता है इस कारण इस टेस्ट हेतु रक्त लेने के लिए सुई को शरीर के काफी अंदर तक डाला जाता है आपको यहां पर धमनी (Arterial) व शिरा (Veins) में अंतर पता होना चाहिए। धमनियों में बहने वाला रक्त शुद्र रक्त कहलाता है जिसमें ऑक्सीजन गैस बहती है जबकि शिरा में बहने वाला रक्त अशुद्ध रक्त कहलाता है जिसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस बहती है। ABG एनालिसिस में शुद्ध रक्त की आवश्यकता पड़ती है जो कि ऑक्सीजन युक्त होता है और धमनियों से लिया जाता है। ABG एनालिसिस के लिए प्राप्त किए गए रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा (Saturation of Oxygen) SaO2 = 94 से 100% के मध्य होनी चाहिए। वहीं कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा (Partial Pressure of CO2) 38 से 45 mm Hg के मध्य होनी चाहिए।

ABG विश्लेषण विशेषकर ऐसी स्थिति में किया जाता है जब किसी व्यक्ति को असमंजस, उल्टी या सांस लेने से सबंधित समस्याएं आ रही हों। ABG के बाद इस बात का पता लगाया जा सकता है कि शरीर के भीतरी अंग सही से कार्य कर रहे हैं या नहीं। विशेषकर फेफड़े जो ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालते हैं उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए डॉक्टर ABG करवाने की सलाह देते हैं और इस एनालिसिस केे पश्चात ही आगे की चिकित्सा की जाती है। रक्त में इन गैसों के असंतुलन का कारण किडनी से संबंधित बीमारियां, हृदय से संबंधित बीमारियां या फिर फेफड़ों से संबंधित बीमारियां होती है। इसके अलावा यदि व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी है या वह नशे का आदि है या फिर उसे कोई सदमा लगा है तो ऐसी स्थिति में भी रक्त में गैसों की मात्रा असंतुलित हो जाती है।

ध्यान दें : बैंकिंग या फाइनेंस के क्षेत्र में ABG शब्द Advance Bank Guarantee (एडवांस बैंक गारंटी) के लिए प्रयोग किया जाता है।

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