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ABM Full Form in Hindi ए बी एम फुल फॉर्म

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जर्मनी ने V2 बैलेस्टिक मिसाइल को मित्र देशों के विरुद्ध छोड़ा तो ये देश उस मिसाइल को आकाश में ही ध्वस्त कर पाने में नाकाम साबित हुए और यहीं से बैलेस्टिक मिसाइल को आकाश में ही समाप्त किए जाने हेतु प्रतिरोधक क्षमता की मिसाइलें बनाने का विचार दुनिया के सामने आया। इसी विचार के चलते उस समय की मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए मित्र देशों द्वारा ऑपरेशन क्रॉसबो चलाया गया ताकि वे जर्मनी द्वारा छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल को रोक सके। लेकिन यह ऑपरेशन भी ऐसी तकनीकों को नही बना पाया कि मित्र देश उन मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हो सके। जर्मनी द्वारा छोड़ी गई V-2 बैलिस्टिक मिसाइल पहला ऐसा मानव निर्मित उपकरण साबित हुई जिसने आकाश में कर्मन लाइन को पार कर दिया। अब इस तरह के विनाशकारी हथियारों के खिलाफ ऐसी प्रतिरोधक क्षमता को विकसित किए जाने की आवश्यकता महसूस की गई जो इन मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दे। ताकि देश की धरती पर होने वाले नुकसान से बचा जा सके और यहीं से एंटी बैलेस्टिक मिसाइल को बनाने के विचार पर काम शुरू हुआ। तो चलिए जानते हैं ABM की फुल फॉर्म और इससे जुड़े वो सभी तथ्य जो सामान्य ज्ञान की दृष्टि से आपको पता होने चाहिए।

ABM की फुल फॉर्म होती है Anti-Ballistic Missile (एंटी बैलोस्टिक मिसाइल) इसे हिंदी में "बैलिस्टिकरोधी प्रक्षेपास्त्र" कहा जाता है। अमेरिका और रूस सहित बहुत से ऐसे देश हैं जिन्होंने इस समय एंटी बैलेस्टिक मिसाइल की क्षमता को प्राप्त कर लिया है। इस क्षमता को प्राप्त करने के पश्चात ये सभी देश अपनी तरफ आने वाली बैलेस्टिक मिसाइल को आकाश में ही ध्वस्त कर पाने में सक्षम है। बैलेस्टिक मिसाइल एक ऐसा प्रक्षेपास्त्र है जिसे अर्ध चक्राकार में आकाश की तरफ फेंका जाता है और ऐसा कोण बनाया जाता है कि यह मिसाइल गुरुत्वाकर्षण बल का प्रयोग कर अपने निशाने पर जाकर लगे।

बैलेस्टिक मिसाइल एक भारी-भरकम मिसाइल होती है जो अपने साथ परमाणु, रासायनिक, जैविक व पारंपरिक हथियार ले जाने में सक्षम है। बैलेस्टिक मिसाइल की इसी क्षमता के कारण सभी देश इस तरह की मिसाइलों को अधिक से अधिक संख्या में बना रहे हैं। जिस कारण इसके प्रतिरोध में एंटी बैलेस्टिक मिसाइल को बनाना भी अनिवार्य हो गया है। एंटी बैलेस्टिक मिसाइल धरती से हवा में इस तरह से फायर की जाती है कि यह आकाश में आने वाली बैलेस्टिक मिसाइल से सीधा टकराए उसे 30 से 50 किलोमीटर ऊपर आकाश में ही नष्ट कर दे ताकि धरती पर कम से कम नुकसान हो सके और जो निशाना उस बैलिस्टिक मिसाइल ने साधा है वह पूर्ण न हो सके। इस प्रकार एंटी बैलिस्टिक मिसाइल एक बड़ा नुकसान होने से बचाती है। अमेरिका रूस और इजरायल के बाद भारत चौथा ऐसा देश है जिसने एंटी बैलेस्टिक मिसाइल को विकसित किया है और दुनिया का तीसरा ऐसा देश बना है जिसने इसे विकसित करने के लिए अपनी घरेलू तकनीक का प्रयोग किया है।

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