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बिहार की राजधानी क्या है

क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के 13 वें सबसे बड़े राज्य बिहार की राजधानी का नाम "पटना" है जो कि आज से नहीं बल्कि वर्ष 1912 से लगातार बिहार की राजधानी के रूप में स्वयं को स्थापित किए हुए है। यदि क्षेत्रफल की दृष्टि से देखा जाए तो पटना शहर को बिहार के सबसे बड़े शहर के रूप में जाना जाता है और पटना के अंतर्गत आने वाले 1,167 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 16 लाख लोग निवास करते हैं। पटना के बारे में विशेष बात यह है कि यहां की आबादी में कुल 91% लोग शिक्षित हैं जो पटना के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बिहार की राजधानी पटना को इतिहास में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था तथा यह स्थान गौरवमयी इतिहास का साक्षी है।

बात यदि पटना की स्थापना की की जाए तो इसकी स्थापना 490 ईसा पूर्व मगध साम्राज्य के शासक अजातशत्रु द्वारा की गई थी। उस काल में पटना को पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। मगध साम्राज्य की राजधानी रह चुकी पटना ने मौर्य काल और गुप्त काल में स्वयं को एक महत्वपूर्ण स्थान के रूप में तटस्थ रखा किंतु गुप्त काल का पतन होने के बाद यह क्षेत्र इतिहास के पन्नों में गुम होता चला गया क्योंकि इस काल के बाद आने वाले शासकों का ध्यान "दिल्ली व आगरा" जैसे शहरों पर केंद्रित हो गया। क्योंकि यह शहर भारत के मध्य में पड़ते थे जहां से पूरे भारत में शासन चलाना ज्यादा सरल व सहज था।

पटना हिंदू ही नहीं बल्कि सिख इतिहास में भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में जाना जाता है क्योंकि यहां पर सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ था। सिखों के पाँच पवित्र तख्तों में से एक तख्त पटना में ही स्थित है तथा पटना के नाम पर ही इस तख्त का नाम "पटना साहिब" रखा गया है। सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी का जन्म 05 जनवरी 1666 को पटना में हुआ था तथा उनकी याद में वर्तमान गुरुद्वारा साहिब का निर्माण 1950 के दशक में करवाया गया। मूल रूप से पटना शहर का नाम हिंदू धर्म में पूजनीय "पटन देवी" के नाम पर रखा गया है।

जब अंग्रेजों ने वर्ष 1912 में बंगाल का विभाजन किया था उस समय पटना को ओडिशा और बिहार प्रांत की संयुक्त राज्य राजधानी बनाया गया था। लेकिन वर्ष 1936 में जब ओडिशा बिहार से अलग हुआ उस समय ओडिशा को एक अलग राजधानी दे दी गई तथा पटना को बिहार की राजधानी रहने दिया गया जो कि भारत आजाद होने के बाद आज तक बिहार के राजधानी के रूप में स्वयं को स्थापित किए हुए है। इसके अतिरिक्त जानने योग्य है कि पटना आर्यभट्ट, कालिदास, पाणिनि, चाणक्य जैसे महात्माओं के जन्म का साक्षी रह चुका है।

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