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सबसे सस्ती मुद्रा किस देश की है

दुनिया की सबसे सस्ती करेंसी होने का तमगा पिछले कई दशकों से ईरानी रियाल के नाम है। ईरानी रियाल जिसका ISO नाम IRR है का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मूल्य इतना गिर चुका है कि मौजूदा समय में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत 50 हज़ार ईरानी रियाल के आसपास रहती है। वहीं बात यदि दुनिया की सबसे मजबूत करेंसी कुवैती दिनार की जाए तो एक कुवैती दिनार की कीमत 1.5 लाख ईरानी रियाल के आसपास रहती है और क्योंकि ईरान कई बार अमेरिका द्वारा लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध झेल चुका है इसलिए ईरान की अर्थव्यवस्था ओर अधिक नीचे गिरती जा रही है। जिसके दुष्परिणाम के चलते ईरानी करेंसी कोरे कागजों के मूल्य में तब्दील होती जा रही है। यदि ईरानी रियाल को भारतीय रुपए के सापेक्ष में देखा जाए तो एक भारतीय रुपए का मूल्य 500 ईरानी रियाल से ऊपर रहता है।

ईरानी रियाल की कीमत किस कदर गिरी हुई है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि वहां पर 400, 500 और 1000 तक के नोट का कोई विशेष प्रयोग नहीं किया जाता। वहाँ पर अधिकतर 2000 से लेकर 1 लाख तक के रियाली नोटों का प्रयोग किया जाता है तथा इसी उच्च स्तर पर वहां की मुद्रा में रोजमर्रा का सामान्य लेनदेन चलता है। वहीं 01 से 500 रियाल तक की करेंसी ठीक वैसे ही चलन से बाहर हो चुकी है जैसे भारत में 50 पैसे चलन से बाहर हैं।

वहीं यदि ईरान के पड़ोसी देशों की बात की जाए तो वे भी अनाधिकारिक रूप से ईरानी रियाल का प्रयोग करते हैं। आधिकारिक रूप से तो यह मुद्रा केवल ईरान में चलती है लेकिन इसके अलावा अन्य देश जो अनाधिकारिक तौर पर ईरानी रियाल का प्रयोग करते हैं वे हैं अफगानिस्तान, इराक, सऊदी अरब का मक्का मदीना तथा सीरिया। ईरान में ईरानी रियाल को सेंट्रल बैंक ऑफ इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान जारी करता है।

ईरानी रियाल का मूल्य इतना गिर चुका है कि वहां के लोग आम बोलचाल में रियाल शब्द का प्रयोग कर पाने में भी सहज महसूस नहीं करते इसलिए वहां पर लेनदेन के लिए "तोमान" शब्द का प्रयोग किया जाता है। 10 रियाल 01 तोमान के बराबर होते हैं इसलिए वहां की मुद्रा को 10 गुना कम कीमत में बताया जाता है। करेंसी को आम बोलचाल में बात करने लायक बनाने के लिए ईरान में अनाधिकारिक रूप से "तोमान" शब्द अपनाया गया है। उदाहरण के तौर पर 5 लाख रियाल को 50 हज़ार तोमान कहकर करेंसी का आदान-प्रदान किया जाता है। इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम यह होता है कि वहां जाने वाले पर्यटकों को ईरान की मुद्रा प्रणाली समझने में दिक्कत आती है क्योंकि वहां पर आम बोलचाल में तोमान में बात की जाती है। इसलिए जब किसी पर्यटक से पैसे मांगे जाते हैं और वह पैसे दे रहा होता है और अचानक से उससे 10 गुना अधिक पैसे मांग लिए जाते हैं तो वह अचंभित हो जाता है। यह समस्या रियाल और तोमान शब्दों में पैदा हुए भ्रम के कारण उतपन्न हुई है। इसलिए ईरान की मुद्रा को दुनिया की भ्रामक मुद्रा के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि इसके लेनदेन में भ्रम की स्थिति पैदा होती है।

बात यदि ईरानी की मुद्रा के इतिहास की की जाए तो यहाँ पर मुद्रा के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों का लंबा इतिहास रहा है। ईरान में पहले "किरान" नाम की मुद्रा चला करती थी और इस मुद्रा का चलन 1798 में ही शुरू हो गया था उस समय एक रियाल में 1250 दीनार हुआ करते थे बाद में इसे सुगम बनाने के लिए वर्ष 1825 में एक किरान को 1000 दीनार के बराबर कर दिया गया। इसके लगभग एक सदी बाद किरान को वर्ष 1932 में समाप्त कर रियाल को ईरानी मुद्रा के तौर पर अपनाया गया। तब से अब तक ईरान में रियाल मुद्रा चलती है और अब यह मुद्रा ईरान की आर्थिक कमजोरी के चलते वैश्विक स्तर पर बहुत नीचे गिर चुकी है तथा आज दुनिया की सबसे सस्ती करेंसी के तौर पर जानी जाती है।

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