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विश्व में कुल कितनी मुद्राएं हैं

दुनिया के सभी देश घरेलू स्तर पर अलग-अलग मुद्राओं का प्रयोग करते हैं तथा दुनिया के 195 देशों में कुल 180 करेंसी चलती हैं सँख्या में यह परिवर्तन इसलिए है क्योंकि कुछ देशों ने सयुंक्त रूप से एक ही करेंसी को अपनाया हुआ है। सयुंक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया में कुल 180 करेंसी है तथा इनमें सर्वाधिक प्रयोग किए जाने वाले करेंसी अमेरिकी डॉलर है जिसे लगभग 66 देश अपनी घरेलू करंसी के साथ साझा करते हैं। यही कारण है कि आप समाचार पत्रों व सोशल मीडिया पर अमेरिकी डॉलर का नाम बार-बार सुनते हैं क्योंकि अमेरिकी डॉलर ने स्वयं को एक अंतरराष्ट्रीय करेंसी के तौर पर स्थापित कर लिया है और यह एकमात्र ऐसी करेंसी है जो स्वयं को अंतरराष्ट्रीय करेंसी बनाने में सफल हुई है तथा आज वैश्चिक स्तर पर होने वाले 87 फीसदी लेनदेन में अमेरिकी डॉलर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भागीेदारी रखता है।

विश्व में सर्वाधिक प्रयोग होने वाली मुद्राओं की सूची में अमेरिकी डॉलर के बाद यूरो का नाम आता है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरी सबसे अधिक प्रयोग करने वाली करेंसी है। इसके पश्चात पोंड, रूबल, येन इत्यादि करेंसी का नाम आता है। यदि बात अमेरिकी डॉलर की की जाए तो अमेरिका ने से वर्ष 1785 में डॉलर को अपनी घरेलु करेंसी के तौर पर अपनाया था। अमेरिकी डॉलर को विश्व अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी बनाने का श्रेय ब्रेटन वुड्स प्रणाली को जाता है जो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद लागू की गई थी। इस प्रणाली के लागू होने से पूर्व सोने (गोल्ड) को अंतरराष्ट्रीय विनिमय मापन के रूप में प्रयोग किया जाता था।

इसके अलावा यूरो करेंसी का प्रभाव वैश्विक स्तर पर इसलिए उभर पाने में सफल हुआ है क्योंकि 19 देश मिलकर यूरोपियन संघ का निर्माण करते हैं तथा ये सभी देश संयुक्त रूप से यूरो को अपनी करेंसी के रूप में प्रयोग करते हैं जिस कारण यूरो को अंतराष्ट्रीय स्तर पर बल मिलता है इसके अलावा जापान की येन करेंसी का भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छा खासा प्रभाव देखने को मिलता है जो कि अंतराष्ट्रीय लेनदेन में 21 फीसदी तक हिस्सेदारी रखती है।

बात यदि करेंसी के इतिहास की की जाए तो इसका इतिहास मेसोपोटामिया तथा इजिप्ट से शुरू हुआ माना जाता था और मुद्रा (Money) शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग इसी क्षेत्र में मंदिरों में एकत्रित किए जाने वाले अनाज के भंडार हेतु बनाई गई पर्ची के लिए प्रयोग किया जाता था। हालांकि प्राचीन समय में वस्तु विनिमय प्रणाली विद्यमान थी जिसमें वस्तु के बदले वस्तु लिए जाने का चलन था परन्तु धीरे धीरे सोने-चांदी तथा तांबे के सिक्कों ने इस प्रणाली की जगह ले ली तथा आधुनिक युग आते-आते सभी देशों ने मुद्रा को वैश्विक स्तर पर व्यापार करने हेतु प्रयोग करना शुरू कर दिया।

वहीं बात यदि दुनिया की सबसे महंगी करेंसी की जाए तो कुवैती दिनार दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कहलाती हैं तथा ईरानी रियाल दुनिया की सबसे सस्ती करेंसी है इन दोनों करेंसी में कितना बड़ा अंतर है इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक कुवैती दिनार लगभग डेढ़ लाख ईरानी रियाल के बराबर होता है। इसके अलावा आपको क्रिप्टोकरंसी के बारे में भी पता होना चाहिए जो कि आज के डिजिटल समय में प्रयोग की जाने वाली एक आभासी मुद्रा है। हालांकि यह विश्वसनीय मुद्रा बनने में सफल नही हो सकी है। क्योंकि समय-समय पर बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसी की मांग अचानक से बढ़ती व अकस्मात गिरती हुई देखी गई है जिस कारण लोगों का क्रिप्टोकरेंसी से विश्वास उठ चुका है। आज के समय में लगभग 4,000 क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं।

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