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UAE Full Form in Hindi यूएई फुल फॉर्म

संयुक्त अरब अमीरात; खाड़ी के देशों का एक समूह है जो मिलकर एक देश की रचना करते हैं। इस शब्द में अमीरात का अर्थ होता है एक रियासत। क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात में अब भी राजाओं का शासन चलता है यूएई में आबू धाबी, शारजाह, दुबई, उम्म अल कुवैन, अजमान, फुजईराह और रस अल खैमा शामिल हैं। इन देशों के इस सयुंक्त नाम में अरब शब्द अरब सागर के नाम पर पड़ा है जैसे हिंदुस्तान के साथ लगने वाले समुंदर को हिंद महासागर कहा जाता है वैसे ही अरब देशों से लगने वाले समुंद्र को अरब सागर कहा जाता है। संयुक्त अरब अमीरात में दिरहम मुद्रा चलती है तथा इन देशों की मुद्रा भारतीय रुपए से 18 से 20 गुना अधिक शक्तिशाली है। यदि बात की जाए यूएई की जनसँख्या की तो यहां पर लगभग एक करोड़ के करीब जनसंख्या निवास करती है जिनमें से 80% से अधिक आबादी बाहर से आकर बसे हुए लोगों की है। यहां की क्षेत्रीय आबादी 10 से 20% के मध्य सिकुड़ी हुई है यहां के क्षेत्रीय निवासियों को शेख नाम से जाना जाता है। यूएई के दुबई शहर ने खुद को विश्व में एक पर्यटक स्थल देश के रूप में स्थापित कर लिया है इसीलिए यहां पर वार्षिक पर्यटन बहुत अधिक होता है। इसके अतिरिक्त आपको पता होना चाहिए कि यूएई की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी यहां से निकलने वाले भूमिगत तेल के भंडार हैं।

UAE की फुल फॉर्म:

UAE की फुल फॉर्म होती है United Arab Emirates तथा इसे हिंदी में सयुंक्त अरब अमीरात कहा जाता है। भारत में बहुत से ऐसे लोग हैं जो सयुंक्त अरब अमीरात में जाकर कार्य करते हैं जिस कारण वहां पर भारतीयों की अच्छी खासी आबादी है और धीरे-धीरे इन देशों में जाने वाले प्रवासी भारतीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। क्योंकि इन देशों में जाना भारतीयों के लिए सस्ता भी पड़ता है तथा साथ ही उन्हें इन देशों में अच्छा खासा पैसा भी मिल जाता है। इन देशों की मुद्रा भारतीय रुपए की तुलना में 18 से 20 गुना अधिक शक्तिशाली है अर्थात एक दिरहम का मूल्य भारत में 18 से 20 रुपए के बराबर होता है। इसलिए यदि वहां पर रह रहा कोई व्यक्ति 1 महीने में 10,000 दिरहम अपने घर भेजता है तो इसका अर्थ होगा कि वह 2 लाख तक अपने घर भेज रहा है इसके अलावा वहां पर कम से कम मजदूरी 1500 से 2000 प्रति माह तक है इस प्रकार इन देशों में जाकर कम पढ़े लिखे व्यक्ति भी 40,000 तक कमा लेते हैं। जिस कारण इन देशों में जाने का चलन बढ़ा है। इसके अलावा वीजा पासपोर्ट जैसी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होने के कारण भी लोग इन देशों की तरफ आकर्षित होते हैं और वहीं इन देशों में कार्य कर रही देशी-विदेशी कंपनियों को भी कम मजदूरी में मैन-पॉवर मिल जाती है इस प्रकार यदि कहा जाए कि अरब देश बेरोजगारी को कम करने में भारत का सहयोग कर रहे हैं तो गलत नहीं होगा।

ऐसा भी नहीं है कि अरब देश शुरू से ही अमीर रहे हैं। एक समय था जब इन देशों से लोग भारत में मजदूरी करने आया करते थे परंतु जब से इन देशों की जमीन के नीचे तेल के भंडार मिले हैं तब से इन देशों की काया ही पलट गई है। परन्तु क्योंकि तेल और प्राकृतिक गैस के भंडार सीमित होते हैं इस कारण इनकी समाप्ति के पश्चात देश में आमदनी बनी रहे इस कारण यह देश पर्यटन हेतु दुबई जैसे देशों को आकर्षक बनाने में पूरा जोर लगा रहे हैं ताकि तेल के भंडार समाप्त होने के पश्चात भी देश में पर्यटन के माध्यम से आमदनी होती रहे। और क्योंकि पर्यटन के लिए देश में बहुत से नए निर्माण करने पड़ते हैं इस कारण वहां पर इन निर्माणों के लिए मैन-पॉवर की आवश्यकता पड़ती है जिसकी पूर्ति भारत सहित आसपास के देश करते हैं।

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