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गुजरात का जनक किसे कहा जाता है?

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि गुजरात का जनक किसे और क्यों कहा जाता है? साथ ही जानेंगे गुजरात के जनक के बारे में वो सभी तथ्य जो सामान्य ज्ञान की दृष्टि से आपको पता होने चाहिए।

गुजरात का जनक उपनाम से "रविशंकर महाराज" को जाना जाता है। रविशंकर महाराज एक समाजसेवी थे जिनका जन्म वर्ष 1884 में खेड़ा जिला (गुजरात) में हुआ था। अपने समाजसेवी कार्यों से ही उन्होंने ख्याति प्राप्त की। रविशंकर महाराज मुख्यधारा से भटक चुके युवाओं (जो डाका डालते थे) को पुनः गृहस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। वात्रक नदी के आसपास जितने भी गांव बसे थे वहां के लोगों को एक उचित जीवन जीने हेतु महाराज ने प्रेरित किया। विचारों से गांधीवादी रविशंकर महाराज की मृत्यु वर्ष 1984 में हुई हुई थी। गुजरात सरकार ने उनके सम्मान में बहुत से कार्य किए हैं जिनमें से मुख्यतः उनके नाम पर डाक टिकट जारी करना व उनके नाम पर ही "रविशंकर महाराज पुरस्कार" स्थापित करना शामिल है। रविशंकर महाराज के जीवन पर आधारित उपन्यास "जेणे जिवी जान्यु" पन्नालाल पटेल द्वारा वर्ष 1984 में लिखा गया था।

कौन हैं : रविशंकर महाराज
वास्तविक नाम : रविशंकर व्यास
गुजरात का जनक क्यों कहा जाता है : गुजरात में समाजसेवी कार्यों के जरिए अविस्मरणीय योगदान देने के लिए
विशेषता : गांधीवादी विचार

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