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लाल बाल पाल किसे कहा जाता है?

लाल बाल पाल एक व्यक्ति को नहीं बल्कि तीन व्यक्तियों को सम्मिलित रूप से एक ही उपनाम दिया गया है। लाल बाल पाल में लाल शब्द "लाला लाजपत राय" बाल शब्द "बाल गंगाधर तिलक" और पाल शब्द "विपिन चन्द्र पाल" के लिए प्रयोग किया गया है तथा इन तीनों को सम्मिलित रूप से "लाल बाल पाल" नाम से जाना जाता है। इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि यह तीनों एक जैसी राजनीतिक सोच रखते थे तथा भारत में बाहर से आयात होने वाली वस्तुओं का विरोध करते थे व स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देते थे। वर्ष 1905 में जब बंगाल के विभाजन की घोषणा हुई तो इसके विरोध में बंग-भंग आंदोलन को पूरे भारत में फैलाने में लाल बाल पाल की मुख्य भूमिका रही। लाल बाल पाल अंग्रेजो के खिलाफ उग्र आंदोलन किए जाने के पक्षधर थे। समय के साथ राजनीति में इन तीनों का कद ऊँचा होता जा रहा था लेकिन बाल गंगाधर तिलक के जेल जाने के कारण, विपिन चंद्र पाल के राजनीति से सन्यास लेने के कारण तथा लाला लाजपत राय की लाठीचार्ज में हत्या हो जाने के कारण इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों का उग्र आंदोलन कमजोर पड़कर समाप्त हो गया।

किसे जाना जाता है : लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक व विपिन चन्द्र पाल को सम्मिलित रूप से
क्यों जाना जाता है : ब्रिटिश शासन के खिलाफ उग्र आंदोलन का चेहरा होने के कारण
विशेषता : अंग्रेजों के खिलाफ गरम रुख

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