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सन्यासी विद्रोह का उल्लेख किस पुस्तक में मिलता है?

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि सन्यासी विद्रोह का उल्लेख किस पुस्तक में मिलता है? साथ ही जानेंगे इस विषय से सबंधित वो सभी तथ्य जो सामान्य ज्ञान की दृष्टि से आपको पता होने चाहिए।

सन्यासी विद्रोह का उल्लेख बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित उपन्यास आनंद मठ में मिलता है। आनंद मठ की कहानी बंगाल के एक गांव में शुरू होती है जहां पर कहानी के मुख्य पात्रों की रक्षा क्रूर ब्रिटिश अधिकारियों से दो सन्यासी करते हैं। ये सन्यासी वही होते हैं जो ब्रिटिशों के खिलाफ चल रहे सन्यासी विद्रोह में सक्रिय होते हैं। सन्यासी विद्रोह जो कि भारत के सन्यासियों द्वारा बंगाल और बिहार में अंग्रेजो के विरुद्ध चलाया गया था; ने बाद में होने वाले भारतीय विद्रोहों को प्रेरित किया था। सन्यासी विद्रोह वर्ष 1763 से वर्ष 1800 के मध्य सन्यासियों द्वारा अंग्रेजो के खिलाफ किए गए संघर्षों के सयुंक्त रूप को कहा जाता हैं। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित "आनंद मठ" उपन्यास 1882 में प्रकाशित हुआ था। आनंदमठ बंगाली भाषा में रचित वही उपन्यास है जिसमें से भारत का राष्ट्रीय गीत "वंदे मातरम" लिया गया है।

किसमें मिलता है : आनंद मठ में
किसने लिखा : बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय ने
कब लिखा : वर्ष 1882 में
किस विद्रोह का वर्णन है : सन्यासी विद्रोह का
विशेषता : भारत का राष्ट्र गीत वन्दे मातरम "आनंद मठ" से लिया गया है।

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