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वयोवृद्ध पुरुष किसे कहा जाता है

वयोवृद्ध पुरुष अर्थात भारत का महान वृद्ध व्यक्ति (Great Old Man of India) के नाम से दादा भाई नौरोजी को जाना जाता है। दादा भाई नौरोजी कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सामाजिक तथा राजनीतिक नेता थे तथा कपास के व्यापार में कुछ वर्ष बिता चुके थे। भारत की संपत्ति को लगातार ब्रिटेन भेजे जाने के षडयंत्र की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करवाने का श्रेय दादा भी नौरोजी को जाता है। वर्ष 1892 से 1895 तक हाउस ऑफ कॉमंस (UK) के सदस्य रहे दादा भाई नौरोजी का जन्म वर्ष 1825 में हुआ था तथा उनकी मृत्यु 30 जून 1917 को हुई थी। उनकी 100 वीं पुण्यतिथि पर उनके सम्मान में भारतीय डाक द्वारा स्टैम्प समर्पित की गई जिसे 29 दिसंबर 2017 को जारी किया गया था।

दादा भाई नौरोजी को भारत और ब्रिटेन के संबंधों को सदृढ़ बनाने के लिए जाना जाता है ताकि भारत का शोषण कम हो सके और भारतीयों को न्याय मिल सके। दोनों देशों के सबंधो के हित में सेवा देने के लिए वर्ष 2014 में यूनाइटेड किंग्डम के उप प्रधानमंत्री निक क्लेग (Nick Clegg) ने दादाभाई नौरोजी के सम्मान में दादाभाई नौरोजी अवॉर्ड शुरू किए। दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक "पावर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया" द्वारा भारत की संपत्ति के ब्रिटेन में विस्थापन मुद्दे को सबके समक्ष उठाया। मुंबई विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले दादा भाई नौरोजी पहले भारतीय थे जो ब्रिटेन में मेंबर ऑफ पार्लिमेंट (MP) नियुक्त हुए। उस समय वे ब्रिटेन में 28 करोड़ भारतीयों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

दादाभाई का जीवन अतुल्य योगदानों से भरा पड़ा है। उनके मुख्य योगदानों में कांग्रेस की स्थापना, भारत की संपत्ति का ब्रिटेन विस्थापन का मुद्दा उठाना तथा भारत और ब्रिटेन के बीच के संबंधों के लिए कार्य करना शामिल है।

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