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FATF Full Form in Hindi | एफ ए टी एफ का पूरा नाम क्या है?

दुनिया के सभी देशों ने आर्थिक रूप से एक दूसरे के साथ सामंजस्य बिठाने हेतु आर्थिक समूह बनाए हुए हैं उन्हीं में से एक समूह है FATF जो की मुख्य रूप से अंतराष्ट्रीय स्तर पर कार्य करता है परंतु इसका अधिकतर प्रभाव एशियाई व यूरोपीय देशों पर होता है। FATF मुख्य रूप से इस बात पर जोर देता है कि वह देश जो इसके सदस्य हैं वे आतंकवादियों को मिलने वाले पैसे को रोकने हेतु प्रभावी कदम उठाएं तथा इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आर्थिक व्यवस्था से संबंधित परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयासरत रहें। FATF चाहता है कि इसके जितने भी सदस्य देश हैं वे इस कार्य को पूर्ण करने में FATF की सहायता करें। आइए जानते हैं FATF की फुल फॉर्म क्या होती है और यह आर्थिक क्षेत्र में अपना कितना प्रभाव रखता है।

FATF की फुल फॉर्म होती है Financial Action Task Force जिसे हिंदी में "फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स" लिखा जाता है और इसका हिंदी में अर्थ होता है "वित्तीय कार्यवाही कार्यदल" आइए जानते हैं FATF के बारे में आगे की जानकारी।

एफडीएफ की स्थापना G7 देशों द्वारा वर्ष 1989 में की गई थी। इसकी स्थापना का शुरुआती उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना था "मनी लॉन्ड्रिंग ऐसे पैसे को कहा जाता है जो अपराधिक गतिविधियों करके कमाया गया होता है" मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कानून बनाने व इससे निपटने के लिए FATF की स्थापना की गई थी यह मूल रूप से पेरिस से ऑपरेट होता है। FATF की शर्तों के अनुसार यदि कोई देश इसके द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग (आंतकवादियों को वित्तीय मदद देना) के विरोध में बनाए गए नियमों के अनुसार नहीं चलता तो FATF उसे ग्रे लिस्ट या ब्लैक लिस्ट में डाल सकता है। ग्रे व ब्लैक नामक दो लिस्ट FATF द्वारा जारी की जाती है और जो देश इन दोनों में से किसी भी एक सूची के अंतर्गत आते हैं उन देशों के साथ अंतराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक सबंध तोड़े जा सकते हैं।

FATF के नियमों में यह लिखा गया है कि यदि कोई देश मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग जैसे मामलों में उचित कार्यवाही कर पाने में असमर्थ होता है तो उसे पहले ग्रे लिस्ट में डाला जाएगा है जिसे "इंटरनेशनल कॉपरेशन रिव्यु ग्रुप" कहा जाता है और इसके बाद उसे कुछ विशेष कदम उठाने हेतु समय दिया जाता है यदि उस समय में वह देश है मनी लॉन्ड्रिंग या टेरर फंडिंग इत्यादि के खिलाफ उचित कदम उठा लेता है तो उसे ग्रे लिस्ट से निकाल दिया जाता है अन्यथा उसे ब्लैक लिस्ट (नॉन कॉपरेटिव रिव्यु ग्रुप) कर दिया जाता है मौजूदा समय में नॉर्थ कोरिया और इरान FATF की ब्लैक लिस्ट में शामिल है क्योंकि यह देश सीधे तौर पर अमेरिका के लिए खतरा साबित हुए हैं।

यदि कोई देश एसएटीएफ की ब्लैक लिस्ट या ग्रे लिस्ट में आ जाता है तो उसे IMF या वर्ल्ड बैंक या एशियन डेवलपमेंट बैंक से ऋण लेना मुश्किल हो जाता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस देश का आर्थिक रूप से विरोध किया जाता है जिस कारण उस देश के साथ होने वाले अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ता है इस प्रकार आर्थिक प्रतिबंधों का सहारा लेकर FATF अपने सदस्य देशों को टेरर फंडिंग व मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई उठाने हेतु प्रतिबद्ध करता है।

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