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GSP Full Form in Hindi | जी एस पी का पूरा नाम क्या है?

विश्व में कुछ देशों को महाशक्ति होने का गौरव प्राप्त है। यह गौरव उन्हें इसलिए प्राप्त हो सका है क्योंकि इन देशों के नागरिकों को यह आभास बहुत पहले ही हो गया था कि एक साथ मिलकर कार्य करने से ही उन्नति की जा सकती है और नई खोज करके हम दुनिया में उच्चतम स्तर को प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए अमेरिका व ब्रिटेन जैसे बहुत से देशों में नई खोजें की, लोकतांत्रिक योजनाएं बनाई, उपनिवेश बनाए व समय रहते उन्नति कर ली। जिस समय ये देश उन्नति कर रहे थे उस समय दुनिया में कुछ देश ऐसे भी थे जो जात पात, छुआ छूत, जादू टोना व अन्य प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को झेल रहे थे। अब जिन देशों ने समय रहते सामाजिक कुरीतियों को छोड़ उन्नति का रास्ता अपनाया वे आज विकसित देश कहलाते हैं और जिन देशों को सामाजिक कुरीतियों ने घेरे रखा उन्हें आज हम विकसित देशों के नाम से जानते हैं। सामान्य उदाहरण के तौर पर यदि हम देखें तो भारत एक विकसित देश है तथा अमेरिका एक विकासशील देश है।

अब विकसित देश जो उन्नति कर चुके हैं उन्होंने कहीं न कहीं पृथ्वी के उन संसाधनों का भी उपयोग किया है जो विकासशील देशों के हिस्से में आते थे इसलिए विकसित देशों का यह कर्तव्य बनता है कि वे उन्नति करने, सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति पाने व गरीबी दूर करने में विकासशील देशों की मदद करें। इसलिए विकसित देश कुछ ऐसी योजनाएं चलाते हैं जिससे वे विकासशील देशों की आर्थिक व सामाजिक रूप से सहायता कर सकें। इसी प्रकार की एक योजना है GSP आज हम इस आर्टिकल में GSP की फुल फॉर्म जानने के साथ ही जानेंगे कि GSP क्या है, इससे भारत को क्या लाभ है और कौन से देश इससे लाभ उठा सकते हैं।

GSP की फुल फॉर्म होती है Generalized System of Preferences जिसे हिंदी में जनरलाइज़्ड सिस्टम ऑफ प्रैफरेंसेज लिखा जाता है और इसका हिंदी में अर्थ होता है प्राथमिकताओं की समान्यकृत प्रणाली। GSP एक ऐसी प्रणाली है जिसके तहत अमेरिका अपने यहाँ विकासशील देशों से टैक्स रहित सामान आयात करवाता है। GSP के तहत अमेरिका में आने वाले सामान पर अमेरिका द्वारा कोई टैक्स नही लगाया जाता और यदि किसी उत्पाद पर टैक्स लगाया भी जाता है तो यह नाम मात्र होता है। GSP के चलते अमेरिका विकासशील देशों को आर्थिक व्यापार लाभ देने की कोशिश करता है।

GSP के अंतर्गत अमेरिका दुनिया के 120 से अधिक विकासशील देशों से 4,800 से अधिक उत्पाद आयात करता है जिसमें कृषि सबंधी उत्पाद शामिल हैं। अमेरिका इन देशों को GSP का लाभ वर्ष 1976 से दे रहा है। अमेरिका ने वर्ष 1976 में GSP प्रणाली लागू की थी। हालांकि GSP के अंतर्गत एक वर्ष में केवल 18 करोड़ डॉलर का सामान ही अमेरिका में निर्यात किया जा सकता है। भारत भी एक विकासशील देश है इसलिए भारत को भी अमेरिका द्वारा GSP सुविधा दी गई थी यद्द्पि वर्ष 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को GSP की सूची में न रखने का फैसला किया है। क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि भारत अमेरिकी सामानों पर अधिक टैक्स लगाता है और व्यापार में उसका विशेष सहयोग नही करता।

भारत द्वारा अमेरिका में लगभग 50 अरब डॉलर की कीमत का समान प्रतिवर्ष निर्यात करता है जिसमें से लगभग 5.5 अरब डॉलर का सामान GSP के अंतर्गत निर्यात होता है जिसमें भारत को 1,200 करोड़ डॉलर के आसपास वार्षिक लाभ होता है हालांकि भारत जैसे बड़े देश के लिए यह लाभ कुछ विशेष मायने नही रखता फिर भी भारत-अमेरिकी रिश्तों के सापेक्ष में GSP का विशेष महत्व है।

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