सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारत के 7 नाम कैसे पड़े

भारत यानी कि पृथ्वी का वह भूभाग जो हिमालय से लेकर दक्षिण में समुद्र तक फैला हुआ है और मूलतः एक उपमहाद्वीप के रूप में स्थित है, को अनेक प्राचीन ग्रंथों में भारतवर्ष के नाम से जाना गया है। यदि हम महाकाव्य और पुराणों की बात करें तो वहां पर भारत को भारतवर्ष कहा गया है। जिसका मूल रूप से अर्थ होता है भरतों का देश। प्राचीन ग्रंथों में यहां के निवासियों को भारती यानी कि भरत की संतान कहा गया है। मूल रूप से देखा जाए तो प्राचीन समय में भरत नाम का एक कबीला हुआ करता था। इसके निवासी ही आगे चलकर भारत के मूल निवासी कहलाए। अब क्योंकि इस कबीले को भरत नाम से जाना जाता था इसी नाम से यह भूक्षेत्र भारतवर्ष के रूप में जाना गया।

भारत के नाम से जुड़े तथ्य यहीं पर समाप्त नहीं होते क्योंकि भारत का नाम केवल भारतवर्ष ही नहीं बल्कि इस भूभाग को कुछ स्थानों पर जंबूद्वीप यानी कि जामुन के वृक्षों का द्वीप भी कहा जाता था। क्योंकि माना जाता है कि यहां पर मुख्य रूप से जामुन के वृक्ष पाए जाते थे। इसके अलावा क्योंकि भारत की जो पश्चिमी सीमा है वह सिंधु नदी को छूती है और सिंधु नदी की घाटी में ही बहुत सी विकसित सभ्यताएं सर्वप्रथम पनपी हैं जिनमें हम सिंधु घाटी सभ्यता का नाम प्रमुख रूप से ले सकते हैं, इन सभ्यताओं के कारण भी सिंधु नदी का भारत पर बहुत अधिक प्रभाव रहा है इसलिए ईरान से जब लोग इस ओर आए तो सिंधु नदी के नाम पर उन्होंने भारत का नाम सिंधु रखा और क्योंकि उनकी भाषा में स शब्द का प्रचलन नही था इसलिए यह शब्द हिन्दू बन गया। हिमालय की तरफ से लोगों का ज्यादा आगमन यहां पर नहीं हो सकता था इसलिए सिंधु के नाम को जानकर जो भी लोग पश्चिम से यहां पर आए उन्होने आगे चलकर भारत को हिंदुस्तान नाम दिया। इसी कारण पश्चिम से पूर्व आने वाले लोगों में यह नाम प्रचलित हो गया। इसीलिए आज भी पश्चिम में भारत का जो नाम है वह हिंदू शब्द से बना है और इसी से आगे चलकर हिंदुस्तान नाम बना।

इसके अलावा एक और नाम जो मुख्य रूप से भारत के लिए प्रसिद्ध है वह है इंदे। यह नाम भी सिंधु नदी से जुड़ा हुआ है क्योंकि यूनानी इस भूभाग को अपनी भाषा में इंदे कहा करते थे और ईरानी इसे हिंद कहा करते थे। आगे चलकर इंदे और हिंद जैसे शब्दों से इंडिया शब्द निकला। जब 1600 ईसवी के बाद अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने यूनानी भाषा के इंदे शब्द के आधार पर भारत को इंडिया नाम दिया। उसी समय क्योंकि भारत में मुगलों का शासन भी था और फ़ारसी उनकी राजभाषा थी इसलिए भारत का हिंदुस्तान नाम भी प्रचलन में रहा।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ऐतिहासिक तौर पर भारत के अनेकों नाम रहे हैं जिनमें से भारतवर्ष सबसे प्राचीन और सबसे प्रमुख है क्योंकि इस नाम का उल्लेख हमें महाकाव्यों और पुराणों में मिलता है। इसी कारण शुद्ध रूप से हम भारत का यह नाम प्रयोग करते हैं तो वहीं भारतीय संविधान की बात की जाए तो आज के समय में भारत में मुख्य रूप से दो नाम आधिकारिक हैं जिनमें भारत और इंडिया शामिल हैं। भारत के संविधान का पहला अनुच्छेद स्पष्ट रूप से यह तय करता है कि भारत के दो नाम होंगे हिन्दी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया। तो कुल मिलाकर भारत के अनेकों नाम है। इन नामों की क्रोनोलॉजी इस प्रकार है - सबसे पहले भारतवर्ष नाम रखा गया, उसके बाद जम्बूद्वीप, जब यूनानी आए तो उन्होंने भारत को इंदे कहा, जब ईरानी यहाँ पर आए तो सिंधु के आधार पर हिंदू नाम रखा गया, इसके बाद जब फ़ारसी भाषा का यहां पर प्रसार हुआ तो भारत को हिंदुस्तान कहा गया, उसके बाद जब अंग्रेज आए तो उन्होंने यूनानी शब्द इंदे के आधार पर भारत को इंडिया नाम दिया।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट