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मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है

भारत विविधताओं वाला देश है और भारत में अनेक प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं और कुछ त्यौहार ऐसे हैं जिन्हें भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है। इसी प्रकार का एक त्यौहार है जिसे उत्तर भारत में मकर सक्रांति Makar Sankranti के नाम से जाना जाता है। मकर सक्रांति प्रमुख भारतीय त्यौहार है और यह भारत सहित नेपाल में भी अनेक रूपों में मनाया जाता है मकर सक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अंतर्गत आने वाले पौष माह में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है उस समय मकर संक्रांति मनाई जाती है। यदि ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार वर्तमान शताब्दी की बात की जाए तो यह त्योहार ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जनवरी माह के 14वें या 15वें दिन पड़ता है यानी कि हर वर्ष  जनवरी की 14 या 15 तारीख को मकर सक्रांति मनाई जाती है।

मकर सक्रांति को अलग-अलग क्षेत्र में भिन्न-भिन्न नाम है जैसे यदि हम दक्षिण भारत की बात करें तो दक्षिण भारत में मकर सक्रांति को पोंगल के रूप में मनाया जाता है जो कि एक दक्षिण भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसी प्रकार यदि हम गुजरात राज्य की बात करें तो वहां पर इसे उत्तरायण कहा जाता है। उत्तरायण का अर्थ होता है सूर्य का उत्तर दिशा की ओर जाना। अब क्योंकि इस समय सूर्य उत्तर की ओर प्रस्थान करता है इसी के आधार पर मकर संक्रांति को कुछ क्षेत्रों में उत्तरायण नाम दिया गया है। अब क्योंकि यह त्यौहार अलग-अलग स्थानों पर भिन्न-भिन्न रूपों में जाना जाता है इसी लिए अलग-अलग क्षेत्रों में इसके रीति रिवाजों में भी हमें भिन्नता दिखाई देती है। सामान्य तौर पर यदि बात की जाए तो मकर संक्रांति के अवसर पर मुख्य रूप से 'तिलगुड़' बनाया जाता है, प्रसाद के रूप में बांटा जाता है, और व्यंजन के रूप में खाया जाता है।

भारत में उन राज्यों की बात की जाए जहां इस त्यौहार को मकर सक्रांति के नाम से जाना जाता है उनमें मध्य भारत का छत्तीसगढ़, उत्तर भारत का हरियाणा, दक्षिण भारत का तेलंगाना, पूर्वी भारत में पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में सिक्किम शामिल हैं। इसके अलावा उत्तराखंड, हिमाचल, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, मणिपुर इत्यादि राज्यों में भी इस त्यौहार को इसी नाम से जाना जाता है। जबकि कश्मीर घाटी में इसे शिशुर सेंक्रांत कहा जाता है तो वहीं हरियाणा, हिमाचल और पंजाब के क्षेत्र में इसे माघी भी कहा जाता है। यदि भारत के अलावा उन देशों की बात की जाए जहां पर यह त्योहार मनाया जाता है तो नेपाल के अलावा बांग्लादेश, थाईलैंड, लाओस, म्यांमार, कंबोडिया, श्रीलंका आदि वे देश जहां पर मकर संक्रांति को कुछ भिन्नताओं के साथ मनाया जाता है।

जैसे लाओस में इसे पि मा लाओ कहा जाता है, तो वहीं म्यांमार में इसे थिंयान कहा जाता है, श्रीलंका में इसे पोंगल के नाम से भी जाना जाता है और वहीं बांग्लादेश में इसे पौष संक्रांति Poush Sankranti कहा जाता है। नेपाल में इसके लिए मुख्य रूप से दो-तीन नाम प्रसिद्ध हैं जैसे माघी संक्रांति या फिर खिचड़ी सक्रांति आदि। संक्रांति Sankranti का त्यौहार ऐसे समय में आता है जब किसानों की फसल कटकर घर में आती है तो ऐसे में इस त्यौहार को किसानों से जोड़कर भी देखा जाता है। भारत के किसान अलग-अलग तरीके से अलग-अलग स्थानों पर इसे धूमधाम से मनाते हैं और भगवान को अच्छी फसल के लिए धन्यवाद देते हैं। इसलिए यह त्योहार किसानों के त्योहार के नाम से प्रसिद्ध है। भारत में अलग-अलग राज्यों में राज्य स्तर पर इस त्यौहार के दिन सार्वजनिक छुट्टी भी घोषित की जाती है, वहीं नेपाल में सरकार द्वारा पूर्ण रूप से पूरे देश में सार्वजनिक छुट्टी घोषित की जाती है।

वहीं यदि पूर्वोत्तर राज्यों की और चला जाए तो इस त्यौहार को लेकर असम का नाम मुख्य रूप से लिया जाता है। जहां पर इस त्यौहार को माघ बिहू या भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता है। बिहू एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में किसी न किसी रूप में जाना जाता है। मकर संक्रांति के दिन दान किए जाने का तथा स्नान, श्राद्ध व तर्पण आदि किए जाने का विशेष महत्व माना जाता है माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन जो भी दान किया जाता है उसका सौ गुना बढ़कर पुण्य प्राप्त होता है इसीलिए इस दिन दान किए जाने की धार्मिक मान्यता है। दान करने के लिए लोग मकर संक्रांति के अवसर पर गंगा स्नान करते हैं तथा वहां पर जाकर दान करते हैं क्योंकि इसे शास्त्रों में बहुत ही शुभ माना गया है। वहीं यदि ज्योतिषशास्त्र की नजर से इस त्यौहार को देखा जाए तो इस त्यौहार के बारे में यह माना जाता है कि इस दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उसके घर जाते हैं यानी सूर्य भगवान इस दिन मकर राशि में प्रवेश करते हैं जिसका देवता शनि है। एक बात ओर यहां पर जानने योग्य है मकर सक्रांति के अवसर पर पतंग उड़ाने की भी प्रथा है और विशेष रूप में यह प्रथा गुजरात राज्य में प्रमुख रूप से दिखाई देती है।

इस प्रकार हम यह कह सकते हैं कि मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो मूल रूप से तो उत्तर भारत में प्रचलित है लेकिन अलग-अलग रूपों में यह पूरे देश में विद्यमान है और राज्य स्तर पर इस त्यौहार को लेकर अलग-अलग प्रकार को मान्यताएं भी प्रचलित हैं तथा अलग-अलग तरीके से इस त्यौहार को भिन्न-भिन्न स्थानों पर मनाया जाता है। इस प्रकार खुशियों से भरा यह त्योहार भारत की विशाल संस्कृति का एक अद्वितीय नमूना है। जीके इन हिंदी टीम की और से आप सभी को Happy Makar Sankranti

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