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राज्य क्या है?

राज्य मूल रूप से राजनीतिक विज्ञान से जुड़ी हुई एक अवधारणा है यदि सरल शब्दों में इस को परिभाषित किया जाए तो हम कह सकते हैं कि राज्य वह इकाई है जो मूल रूप से चार तत्वों से मिलकर बनी होती है यह तत्व हैं निश्चित भूभाग, सरकार, स्थायी जनसंख्या और संप्रभुता। इस आर्टिकल में हम एक-एक कर इन सभी तत्वों को समझ लेते हैं ताकि हमें स्पष्ट हो जाए कि राज्य होता क्या है जो इन सब तत्वों का ही एक संगठित स्वरूप है।

सबसे पहले बात करते हैं स्थाई जनसंख्या की। कोई भी संरचना जो राजनीतिक के क्षेत्र या कहीं पर भी बनती है वह मनुष्य से मिलकर बनी होती है। स्थायी जनसंख्या लोगों का वह समूह जो यह तय करता है कि वह एक निश्चित भूभाग पर रहकर जीवन यापन करेगा। यह जनसंख्या बहुत आवश्यक होती है और सबसे पहला तत्व है किसी भी राज्य के बनने के लिए यही से राज्य के बनने की शुरुआत होती है।

इसके बाद दूसरा तत्व राज्य का है निश्चित भूभाग। स्थायी जनसंख्या जिस स्थान पर रहती है उसकी सीमाएं निश्चित होनी चाहिए। ऐसा ना हो कि उसकी सीमाएं निरंतर बदलती जा रही हों। राज्य के निर्माण के लिए एक स्थाई जनसंख्या के साथ-साथ निश्चित सीमा की भी आवश्यकता होती है जैसे कि भारत की निश्चित सीमाएं हैं।

जनसंख्या और निश्चित भूभाग के बाद जो तीसरा तत्व राज्य का है वह है सरकार। जनसंख्या अपना शासन/ प्रशासन चलाने के लिए जिस सरंचना का निर्माण करती है उसे सरकार कहा जाता है यह राज्य का तीसरा तत्व है।

और उसके बाद अंत में आता है सबसे महत्वपूर्ण तत्व जिसे कहा जाता है संप्रभुता। संप्रभुता वह शक्ति होती है जो किसी भी आंतरिक व बाहरी प्रभाव के बिना सरकार को यह अधिकार देती है कि वह उस निश्चित भूभाग के अंदर स्वतंत्रता पूर्ण तरीके से निर्णय ले सके और इसी शक्ति को संप्रभुता कहा जाता है।

जहां पर भी ये चारों तत्व विद्यमान होते हैं उस इकाई को राज्य कहा जाता है इस प्रकार की इकाई दुनिया में कहीं भी विद्यमान हो सकती है। उदाहरण के रूप में हम भारत को ले सकते हैं भारत का एक निश्चित भूभाग है, भारत में स्थायी जनसंख्या है, भारत में सरकार है और वह संप्रभु है इस कारण भारत एक राज्य है।

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