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राजनीति की परिभाषा क्या है?

राजनीति की परिभाषा को समझना बहुत कठिन हो सकता है क्योंकि राजनीति क्या है यह समझने से पहले हमें यह समझना होता है कि राजनीतिक क्या नही है। रोजाना हम जो समाचार में पढ़ते हैं, टीवी पर देखते हैं और जो गतिविधियां राजनेता करते हैं उसे हम राजनीति समझते हैं लेकिन वह सब राजनीति नहीं है बल्कि इसका एक पहलू मात्र है। हम रोजाना इन गतिविधियों को देखकर यह मान लेते हैं कि राजनेताओं द्वारा किए जाने वाले क्रियाकलाप ही राजनीति है दरअसल राजनीतिक को यदि शुद्ध रूप में देखा जाए तो राजनीति सत्ता के लिए होने वाले संघर्ष को कहा जाता है लेकिन उससे पार जाकर जब हम इसकी शुद्ध परिभाषा की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि दरअसल यह स्वतंत्रता से संबंधित है.

राजनीति अपने आप में इतना जटिल विषय है कि इसको लेकर समय-समय पर अनेक विद्वानों द्वारा राजनीति की व्याख्या प्रस्तुत की गई है इसके बावजूद भी हम एक स्पष्ट परिभाषा बनाने में अभी तक सफल नहीं हुए जिसे दुनिया के प्रत्येक स्थान पर लागू किया जा सके लेकिन कुछ परिभाषाएं हैं जो कुछ हद तक हमें राजनीति को समझाने में सफल होती हुई प्रतीत होती है.

इनमें से एक परिभाषा है जो मैक्स वेबर ने 1918 के अपने प्रसिद्ध व्याख्यान ने दी थी. इस व्याख्यान को 'राजनीति एक व्यवसाय के रूप में' नाम से शुरू किया गया था. इसके अंतर्गत राजनीति की अवधारणा अत्यंत व्यापक है और इसमें हर प्रकार का स्वतंत्र नेतृत्व शामिल है. तो हम कह सकते हैं कि कोई भी ऐसी गतिविधि जिसमें किसी न किसी रूप में नेतृत्व मौजूद हो वहां पर राजनीति मौजूद है अर्थात राजनीति का का सीधा संबंध स्वतंत्र नेतृत्व से है.

इस परिभाषा के अनुसार राजनीति हर ऐसी स्थिति में पाई जाती है जहां पर शक्ति संबंध विद्यमान होता है. यानी कि सामान्य शब्दों में हम कह सकते हैं कि जहां पर भी कुछ लोग हावी थे और कुछ लोग अधीन वहां पर हावी लोगों द्वारा अपना स्वामित्व स्थापित करने के लिए राजनीति की. क्योंकि अधीन लोगों पर जब उन्होंने अपनी इच्छा थोपी होगी तो इसका विरोध भी हुआ होगा. ऐसे में जब इच्छा को सामने वाला अपने मन से नहीं मानता तो वहां पर जिस गतिविधि की आवश्यकता पड़ती है वह राजनीति कहलाती है. राजनीति के जरिए चाहिए कुछ लोगों के हावी होने को वैध बनाया जाता है.

इस व्यापक परिभाषा का लाभ यह है कि राजनीति को हम केवल सरकार का विषय नहीं मानते और ना ही इसे केवल नेताओं की गति भी जब तक सीमित रखते हैं. बल्कि मानते हैं कि राजनीति हर उस स्थान पर मौजूद होती है जहां पर अपना वर्चस्व या सत्ता को बनाए रखने का संघर्ष होता है अर्थात चाहे हम किसी कारोबार की बात करें, हम किसी यूनियन की बात करें या हम विश्वविद्यालयों की बात करें हर स्थान पर नेतृत्व की आवश्यकता होती है और जहां पर नेतृत्व होता है वहीं पर राजनीति विद्यमान होती है. तो एक संकीर्ण परिभाषा में जहां हम कहते हैं कि राजनीतिक सरकार से संबंधित है वह व्याख्या यहां पर समाप्त हो जाती है और हमें एक व्यापक परिभाषा प्राप्त होती है.

इस व्यापक परिभाषा में यौन राजनीति भी शामिल होती है जिसके अनुसार महिलाओं पर पुरुषों का जो वर्चस्व है इस पर भी राजनीति की जानी आवश्यक है और इस वर्चस्व को भी केवल शक्ति के बलबूते नहीं बल्कि राजनीति के बलबूते बनाए रखना या बदल देना इन दोनों के संबंध में चर्चा हो सकती है. ठीक ऐसे ही व्यापक राजनीति ऐसे स्थानों पर भी की जा सकती है जहां पर नस्ल या जाति इत्यादि को आधार बनाकर शक्ति का प्रयोग किए जाने की बात की जा रही हो.

इसके बावजूद यदि हमेशा संकीर्ण परिभाषा में लिखना हो और व्यापक राजनीति के अर्थ को भी बनाए रखना हो तो हम कह सकते हैं कि राजनीति वह सब कुछ है जो हमारे जीवन को प्रभावित करती है और जहां पर नेतृत्व की आवश्यकता होती है. कोई भी राज्य शक्ति का प्रयोग अपनी संस्थाओं के माध्यम से करता है और इन संस्थाओं को वैध बनाए रखने के लिए उसे राजनीति करनी पड़ती है.

मैक्स वेबर ने वर्ष 1918 में राजनीति के जो व्यापक परिभाषा दी उसे एक सीमित परिभाषा में बदलने के लिए उन्होंने कहा कि 'आज के समय में राज्य पर एक मूल राजनीतिक संगठन है' तो हम कह सकते हैं कि मूल रूप से जो राजनीति की जाती है वह सरकार यानी कि राज्य द्वारा की जाती है. लेकिन राजनीति अन्य रूपों में दुनिया के हर हिस्से में विद्यमान है. यह एक परिवार से लेकर बड़ी से बड़ी संस्था यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विद्यमान होती है क्योंकि हर स्थान पर हमें नेतृत्व की आवश्यकता पड़ती है.

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